Sunday, May 8, 2016

बच्चे का बलात्कार हमारी संस्कृति का हिस्सा – मुस्लिम धर्मगुरु

बच्चे का बलात्कार हमारी संस्कृति का हिस्सा मुस्लिम धर्मगुरु


डेनमार्क की एक प्रमुख मस्जिद के धर्मगुरु ने अपने अनुयायियों को उपदेश दिया है कि जो धर्मत्यागी और व्यभिचारी किसी मुस्लिम को हानि पहुंचाता है उसे मार देना चाहिए. मस्जिद अध्यक्ष ने उपदेश का बचाव करते हुए कहा , “हम इस्लाम में विश्वास करते हैं “.

आरहूस में Grimhøj मस्जिद पिछले महीने से सुर्खियों में है क्यूंकि उनके इमामों में से एक ने हाल ही में बच्चे के बलात्कार को जायज़ बताते हुए कहा कि यह उनकी संस्कृति का हिस्सा है.

बता दें कि ये मस्जिद 2014 में आतंकवादी सन्गठन इस्लामिक स्टेट को भी समर्थन दे चुकी है. हालांकि, स्थानीय पुलिस ने बाद में मस्जिद की प्रशंसा की और दावा किया कि मस्जिद उस समय जिहाद में शामिल होने से युवा मुसलमानों को रोकना चाहती थी.

इस दौरान डेनमार्क की ब्रॉडकास्ट TV2 द्वारा ने एक डाक्यूमेंट्री से इस बहस को फिर से जन्म दे दिया है कि क्या ये मस्जिद बंद कर देनी चाहिए. उन्होंने चुपके से इस मस्जिद के कट्टरपंथी उपदेशक अबू बिलाल इस्माइल को ये भी कहते हुए फिल्माया है कि :

” एक विवाहित या तलाकशुदा महिला नाजायज़ सम्बन्ध रखती है, और वह एक कुमारी नहीं है, तो उसे मरने तक पत्थर मारने की सज़ा दी जानी चाहिए. ”

इसके साथ ही वो कहते हैं – ” अगर कोई भी आदमी या औरत उनकी शादी के बीच में आ जाता है और नाजायज़ रिश्ता रखता है तो उनका खून मुस्लिम कानून के तहत हलाल है और इस तरह उन्हें मरने तक पत्थर मारने की सज़ा मिलनी चाहिए. ”

क्लिप में मुस्लिम धर्मगुरु जैसे को तैसे की कहावत के सहारे कहते हैं कि – ” अगर कोई मुस्लिम को मार देता है तो उसे मार देना चाहिए लेकिन अगर कोई इस्लाम त्यागता है तो उसे भी मार देना चाहिए. ”

वहीं विरोध होने पर मस्जिद के प्रमुख धर्मगुरु ओउस्सामा सादी ने अपने धर्मगुरु का बचाव करते हुए कहा कि – ” टीवी प्रसारक के जासूस ने धोखे से शरिया के बारे में पुछा तो ग्मारे धर्मगुरु को जवाब देना बनता था क्यूंकि हम अपने धर्म के बारे में कुछ गलत नही बता सकते और धोखा नही दे सकते. ”

इस बारे में वहां की पुलिस का कहना है कि वो तथ्यों की जांच करेगी और सही पाने पर सज़ा भी देगी.

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