Monday, May 9, 2016

400 करोड़ के टैंकर घोटाले में शीला दीक्षित को बचा रहे केजरीवाल, उनके ही मंत्री ने किया था खुलासा

400 करोड़ के टैंकर घोटाले में शीला दीक्षित को बचा रहे केजरीवाल, उनके ही मंत्री ने किया था खुलासा



नई दिल्लीः मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राज में दिल्ली जलबोर्ड में हुए चार सौ करोड़ के पानी टैंकर घोटाले का खुलासा खुद केजरीवाल के जलमंत्री कपिल मिश्रा ने किया था। उन्होंने सीएम केजरीवाल को लेटर लिखकर एक्शन लेने की मांग की। मगर केजरीवाल ने कांग्रेस से डीलकर जांच व एक्शन को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यह हाल तब रहा जबकि केजरीवाल शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर ही सत्ता में आए थे। यह आरोप लगाते हुए भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई ने टैंकर घोटाले के दोषियों पर एक्शन का मुद्दा उठाया है। इस बाबत सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय सहित 12 जल बोर्ड मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने के लिए भाजपाइयों ने कमर कसी। यह प्रदर्शन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता सहित पार्टी सांसद व विधायकों के निर्देशन में है।
पार्टी नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल का भ्रष्टाचार के विरुद्ध संकल्प बहुत कमजोर है। जिस कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर केजरीवाल सत्ता में आए उसी कांग्रेस के साथ 2013 में मिलकर सरकार चलाने का फैसला किया। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिसंबर 2013 में संदीप दीक्षित के साथ हुई डील के बाद केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। जनता इस डील के बारे में जानना चाहती है। इसके बाद से केजरीवाल ने शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधकर बैठ गए। 
370 पेज के सुबूत कांग्रेस को सौंप दिए केजरीवाल ने
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पहले केजरीवाल शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ 370 पेज के सुबूत बाइबल की तरह लेकर फिरते थे। मगर दिसंबर 2013 की डील के बाद केजरीवाल ने वे सुबूत कांग्रेस को सौंप दिए। 28 अगस्त 2015 को जब जल मंत्री कपिल मिश्रा ने शीला दीक्षित के राज में चार सौ करोड़ रुपये के टैंकर घोटाले में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा तो केजरीवाल ने इस पत्र को कूड़े में फेंक दिया। 
कौन सी ताकत केजरीवाल को रोक रही शीला पर एफआइआर को
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अपने ही मंत्री कपिल मिश्रा के चार सौ करोड़ के  घोटाले पर कार्रवाई की मांग करने के बाद भी केजरीवाल खामोश हैं। आखिर वह कौन सी ताकत है जो केजरीवाल को शीला दीक्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से रोक रही है। टैंकर ही नहीं बल्कि  राष्ट्रमंडल खेल और पावर डिस्कॉम मामले में भी दीक्षित के खिलाफ केजरीवाल एक्शन नहीं करा रहे। 

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