एअर इंडिया से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। विमान में चढ़ने वाले यात्रियों की पहचान के लिये उपयोग किया जाने वाला उपकरण 'बायोमीट्रिक फेशियल रिकग्निशन डिवाइस' खरीदी गई थी। ज़ी न्यूज के पास मौजूद एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक यह जरूरत सिर्फ इसलिये पैदा की गई थी, ताकि कमीशन के रूप में रिश्वत ली जा सके। इस संबंध में 24 फरवरी 2006 को एयर इंडिया प्रार्थना प्रस्ताव भी जारी किया था और इस टेंडर के लिए कनाडा की क्रिप्टोमेट्रिक
रिपोर्ट के मुताबिक इस टेंडर को हासिल करने के लिये क्रिप्टोमेट्रिक
'ज़ी न्यूज' के पास इस घोटाले से जुड़े सैकड़ों कागजात हैं, जिनका गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। ऐसे में अभी कई और अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं। नाजिर कारीगर ने इस पूरे रिश्वतकांड में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। नाजिर कारीगर ने प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात करके रिश्वत पहुंचाने का भी दावा किया है। यह डील करीब 10 करोड़ 50 लाख डॉलर यानी करीब 698 करोड़ रुपये की थी, जिसका 30 प्रतिशत हिस्सा नाजिर कारीगर के जरिये एयर इंडिया के अधिकारियों और पीपी (प्रफुल्ल पटेल) को दिया जाना था।
#AgustaWestland स्कैम का मामला शांत ही नहीं हुआ और ये #AirIndiaScam और आ गया मतलब आने वाले दिन कॉग्रेस के लिये रोमांचक होने वाले है...
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