Friday, February 19, 2016

जो आँख उठेगी हिंदुस्तान पर, वो आँख फोड़ दी जाएगी।

अब कोई सपना ना देखे ये धरती बाँट ली जायेगी,
जो देश बाँटना मांगेगी, वो जीभ काट ली जायेगी।
हम सीमा पार कर चुके सहते सहते सहने की।
अब इसीलिए जरुरत पड़ती है, चिल्ला-चिल्ला कर कहने की।
जिनको भी मेरे हिंदुस्तान की धरती से प्यार नहीं होगा,
उनको हिंदुस्तान में रहने का कोई अधिकार नहीं होगा।
जो मेरा आँगन तोड़ेगी वो बाँह तोड़ दी जाएगी,
जो आँख उठेगी हिंदुस्तान पर, वो आँख फोड़ दी जाएगी।
जो भूल हुई हमसे पहले, वो भूल नहीं होने देंगे,
हम एक इंच धरती हिंदुस्तान से अलग नहीं होने देंगे।
हम ऋषि-मुनियों की संतान है, स्वभाव से ही दयालु-सहृदय हैं, विश्व-बंधुत्व को रोम-रोम में बसाने वाले हम सच्चे मायने में 'सहिष्णु' लोग हैं, पर अब हमें 'सहिष्णु' बनाये रखने की जिम्मेदारी तुम्हारी है- सिर्फ तुम्हारी। 

वन्दे-मातरम 

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