Tuesday, May 24, 2016

मोदी का सबसे बड़ा काम, अब कुछ नहीं कर पाएंगे चीन और पाकिस्तान #56Inch

मोदी का सबसे बड़ा काम, अब कुछ नहीं कर पाएंगे चीन और पाकिस्तान

तेहरान, 23 मई: ईरान के साथ चाबाहर पोर्ट बनाने का समझौता करके प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल का अब तक का सबसे बड़ा काम किया है, मोदी के इस काम की वजह से भारत कर यूरिया और कच्चे तेल के परिवहन के खर्चे में 25 फ़ीसदी की कमी होने के साथ साथ भारत ईरान में एक बड़ा बाजार भी तैयार कर सकेगा। मोदी सरकार द्वारा किये गए इस समझौते से कुछ वर्षों बाद भारत को काफी सस्ता क्रूड आयल मिलने लगेगा जिसका लाभ यहाँ की जनता को भी होगा और मंहगाई कम होने में मदद मिलेगी।
इस समझौते का दूसरा सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि भारत ने अलग थलग पड़े देश अफगानिस्तान को पूरी दुनिया से खासकर यूरोप से जोड़कर उसका भी भविष्य बना दिया है, चाबाहार पोर्ट से अफ़ग़ानिस्तान तक भारत एक गलियारा बनाने वाला है जहाँ से भारतीय सामानों को आसानी से अफ़ग़ानिस्तान निर्यात किया जा सकेगा, कुछ मिलाकर कहें तो अब भारत अफ़ग़ानिस्तान में सबसे बड़ा बाजार खड़ा कर सकेगा।
आज ईरान के साथ चाबहार पोर्ट डेवेलोप करने के समझौते के साथ साथ अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति के साथ चाबाहर से अफ़ग़ानिस्तान तक गलियारे के निर्माण का भी समझौता हो गया।
मोदी ने समझौते के बाद कहा कि ईरान और अफगानिस्तान के साथ आर्थिक संबंध देश की प्राथमिकता है और चाबहार परिवहन और पारगमन गलियारे से इस क्षेत्र के इतिहास की धारा बदल जाएगी। मोदी ने यहां परिवहन और पारगमन गलियारा के लिए चाबहार बंदरगाह पर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आर्थिक आदान-प्रदान का एजेंडा हमारी एक स्पष्ट प्राथमिकता है। हम अपने उद्देश्य के लिए एकजुट हैं।”
उन्होंने कहा, “आज हम एक इतिहास रचने के साक्षी हैं। सिर्फ अपने तीन देशों के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए।”
मोदी ने तीनों देशों के लिए शांति और समृद्धि का नया मार्ग बनाने का प्रस्ताव रखा और कहा, “यह हमारा साझा लक्ष्य है। हम दुनिया के साथ जुड़ना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “इस गलियारे से पूरे क्षेत्र में वाणिज्य-व्यापार की धारा फूट पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि पूंजी और प्रौद्योगिकी के अंतर्प्रवाह से चाबहार में नई औद्योगिक अवसंरचना का निर्माण हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इसमें गैस आधारित ऊर्वरक संयंत्र, पेट्रोकेमिकल, फार्माश्यूटिकल और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग शामिल हैं।”
मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान को शेष दुनिया के साथ व्यापार करने के लिए प्रभावी और अधिक मित्रवत मार्ग मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस मार्ग का विस्तार मध्य एशियाई देशों तक किया जा सकता है और जब इसे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे से जोड़ा जाएगा, तो यह एक ओर दक्षिण एशिया से और दूसरी ओर यूरोप से जुड़ जाएगा।

उन्होंने कहा, “पारंपरिक समुद्री मार्गो के मुकाबले इस मार्ग से यूरोप तक माल भेजने में लगने वाले समय और खर्च में 50 फीसदी तक बचत होगी।”
मोदी ने कहा, “चाबहार गलियारा हमारे लोगों के लिए शांति और समृद्धि का गलियारा होगा। आर्थिक विकास और सशक्तीकरण से इसे मजबूती मिलेगी। यह हमारे देशों के बीच की सीमाओं को तोड़ेगा और आम लोगों के आपसी संपर्क की नई मिशाल पेश करेगा।”
मोदी ने कहा, “यह समझौता उनके विरुद्ध आपसी सहयोग के लिए खड़े होने की हमारी क्षमता को मजबूती देगा, जिनका एकमात्र मकसद बेगुनाहों की हत्या करना है।”
हसन रूहानी ने कहा, “चाबहार में हमारे संयुक्त निवेश से हम भारत को अफगानिस्तान, मध्य एशिया और सीआईएस देशों के साथ जोड़ सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे देशों के लिए भी इस समझौते से जुड़ने की गुंजाइश है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि एशिया बदल रहा है और यह एक आर्थिक महादेश बनने की दिशा में अग्रसर है।
उन्होंने कहा, “हम साबित करना चाहते हैं कि भूगोल हमारी सीमा नहीं है। अपनी इच्छा शक्ति से हम भूगोल बदल सकते हैं।”
पाकिस्तान और चीन की सभी चालें बेकार
चीन कभी पाकिस्तान के बलूचिस्तान और कभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारत को परेशान करने वाली गतिविधियों को अंजाम देता रहता है जो भारत को अखरता रहता है। अब भारत ने ईरान से चाबाहार समझौता करके चीन और पाकिस्तान के नहले पर दहला मार दिया है। अब जहाँ भारत को कच्चा तेल सस्ता पड़ेगा वहीँ पाकिस्तान को मंहगा पड़ेगा। इसके अलावा भारत चाबहार एअरपोर्ट पर कच्चे तेल का भण्डारण भी कर सकेगा जो जरूरत होने पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इससे भी बड़ा कमाल यह हुआ है कि अब भारत की चीन और अमेरिका की गतिविधियों पर भी नजर रहेगी साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में भारतीय बाजार खड़ा होने के बाद पाकिस्तान अपने आप में कैद होकर रह जाएगा, एक तरह से यह भी कह सकते हैं कि अब पाकिस्तान के पास केवल चीन की गुलामी करने के कोई साधन नहीं है। मोदी की सबसे बड़ी चाल ने पाकिस्तान को बर्बाद करके रख दिया है।
भारत ने भारतीय मैप का कानून लाकर पहले से ही पाकिस्तान को परेशान कर रखा है, भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और चीन अधिकृत कश्मीर को अपने मैप में दिखाना शुरू करके यह भी संकेत दिए हैं कि भारत जल्द ही इन क्षेत्रों को चीन और पाकिस्तान से छीन लेगा। अब ईरान से समझौता करके भारत ने पाकिस्तान को एक गोले में कैद कर दिया है, अब अगर पाकिस्तान भारत से पंगे लेगा तो उसकी खैर नहीं है। भारत खाड़ी देशों से कच्चा खरीदकर उसका भंडारण कर लेगा और पाकिस्तान की आपूर्ति या तो बंद करवा देगा या उनके लिए कच्चा तेल बहुत मंहगा करवा देगा।

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