भारत का निर्माणकर्ता ...
पूरा पढें.., समजे
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मैंने उस आदमी के साथ Negative काम किया और अपने पैदाइशी Nature से छेड़ छाड़ की.. क्योकि इंसान का पैदाइशी Nature सिर्फ और सिर्फ Positive होता है. जब हम बच्चे थे और हमें समझ नहीं थी तो हम हर किसी के साथ चाहे जानवर हो या इंसान, Positivity में ही रहते थे.
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पर हम जैसे जैसे बड़े होने लगे, हम दूसरों की बातें सुन सुन कर Positivity से Negativity की तरफ जाने लगे, और इस तरह Negative काम/बात करके हम सिर्फ अपनी Ego Satisfy कर रहे हैं और कुछ नही...! हम "हर क्षण", "हर वक़्त" अपने को देख सकते हैं कि हम अपना Positive Increase कर रहे हैं या Negative.
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हम "तारीफ" करें हर उस व्यक्ति की, जो हमारे आस पास कुछ भी 'अच्छा' काम कर रहे हैं, तारीफ कर के उसको प्रोत्साहित कर सकते हैं और "टोकिए" हर उस व्यक्ति को, जो हमारे आसपास कुछ 'गलत' कर रहा है, हमारे चुप रहने से उसको शै मिलती है और हम अपना ही नुकसान कर रहे होते हैं.
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हम इसलिए पीछे नहीं कि हमारा देश Knowledge,Talen
हमारे समाज में गलत लोग सिर्फ और सिर्फ पूरी जनसँख्या के 1% भी नहीं हैं.
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क्या हम फिर से इन 1% लोगों के गुलाम बनने की तैयारी में तो नहीं हैं ???
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इसलिए मित्रों, अब सिर्फ चुप रहने का समय नहीं है. अब समय आ गया है की "भारत का युवा उठे" और भारत को बुलंदियों तक पहुंचाने में अपना अपना योगदान दे चाहे वो योगदान कितना ही छोटा क्योँ न हो..
सोच है हमारी,
आखिर "भारत के निर्माणकर्ता" हैं हम.
जय हिन्द
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------------- Self Motivation ---------------
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