एक कहानी ऐसी भी
जम्बूद्वीप
बहुत समय पूर्व एक मनुष्य हुआ था जो की फेसबुक नाम की एक दूकान चलाता था उसका नाम मार्क जुकरबर्ग था।। उसकी दूकान बहुत ही बढ़िया चल रही थी वहां आने वाला हर ग्राहक अपने आप में अन्तरप्रिन्योर था, हर कोई इधर उधर से कच्चा माल इकठ्ठा करता और फर्निश करके अपने आउटलेट की दीवार पर टांग देता। दूर दूर प्रान्तों के व्यापारी आकर तारीफ़ करते कुछ खरीद ले जाते कुछ चुरा लेते । सब कुछ बहुत ही बढ़िया चल रहा था अचानक से जुकरवा ने नेट neutrality वाला बम फोड़ दिया जो सीधे साधे थे बहक गए जो चतुर थे उन्होंने जुकरवा की ही ऐसी तैसी करनी शुरू कर दी कुछ जो एकदम नेशनल टाइप के कर्रे क्रांतिकारी थे उन्होंने बाकी जम्बूद्वीप वासियों को जगाना शुरू किया कि बे क्या कर रहे हो ये जुकरवा काट रहा है तुमको। खैर, ज्यादा कुछ न हो पाया और जुकरवा ने भी तरह तरह से try किया मनाने का कभी बड्डे विश करके कभी मेमोरी याद दिलाके कभी रिपब्लिक डे पर अपनी वाल पर तिरंगा लगाकर यही सब रूठने मनाने के खेल चल रहा था।।
अचानक से अकाल पड गया और कच्चे माल की भयंकर कमी हो गयी जम्बूद्वीप में किसी के पास कुछ न था दीवार पर टांगने को कब तक वही मोदी कजरी दिग्गी ओवैसी साक्षी प्राची बिकता बाज़ार में। लोगों को कुछ लेटेस्ट चाहिए था बीच बीच में रंगदार बाबू पटना वाले और नेताजी try कर रहे थे पर जनता को मजा ही नहीं आ रहा था। कोई भी कच्चा माल एक दिन से ज्यादा चल ही न रहा था।।
ऐसे माहौल में देश के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय के हीरे पन्नो ने ये जिम्मेदारी अपने कन्धों पर उठा ली और कसम खायी कि ऐसा राडा कर देंगे ऐसी चरस बोयेंगे की खत्म ही न होगी उनको विश्वास जो था कि बाकी जिम्मेदारी तो स्लीपर सेल्स भी उठा लेंगे ।। तब कहीं जाकर उदय हुआ JNU ढपली राग का और कन्हैया उमर खालिद अपराजिता द्रौपदी जैसे अवतारों ने एकदम से अपना भव्य रूप दिखाया और काश्मीर की आज़ादी मांगने लगे।। उधर काश्मीर वाले ये सोच सोच कर पगलाए हैं कि हमारी आज़ादी का ये दिल्ली में बैठकर क्या करेंगे।। इन महान बिभूतियों ने अफजल को भी लपेटे में ले लिया तो उसने भी उपर नर्क में आत्महत्या कर ली वो दिन है और आज का दिन हफ्ता हो गया पर कच्चा माल खत्म ही नहीं हो रहा।। सब सजा सजा कर अपनी दीवारों पर टांग रहे हैं सब खुश हैं।।
तो जैसे JNU के अवतारों ने जम्बूद्वीप वासियों को तारा है ऐसे सारे जग को तारें।।
जय JNU
#और जो भी मनुष्य इस कथा को 7 लोगों को सुनाएगा और व्रत करेगा , JNU वाले अवतार उसको भी सेलिब्रिटी बना देंगे और जो भी इसे ignore करेगा उसको कीड़े पड़ेंगे, आँखें फूट जायेंगी, जहन्नुम का दरवाजा खुल जाएगा, ये वाली वो वाली सारी वाली बिमारी हो जायेंगी ।।शोर्ट में कहूँ तो मर जाएगा एकदिन ।। जय महिष्मति।।
भस्म ही है सत्य ।।
Thnak You JNU
जम्बूद्वीप
बहुत समय पूर्व एक मनुष्य हुआ था जो की फेसबुक नाम की एक दूकान चलाता था उसका नाम मार्क जुकरबर्ग था।। उसकी दूकान बहुत ही बढ़िया चल रही थी वहां आने वाला हर ग्राहक अपने आप में अन्तरप्रिन्योर था, हर कोई इधर उधर से कच्चा माल इकठ्ठा करता और फर्निश करके अपने आउटलेट की दीवार पर टांग देता। दूर दूर प्रान्तों के व्यापारी आकर तारीफ़ करते कुछ खरीद ले जाते कुछ चुरा लेते । सब कुछ बहुत ही बढ़िया चल रहा था अचानक से जुकरवा ने नेट neutrality वाला बम फोड़ दिया जो सीधे साधे थे बहक गए जो चतुर थे उन्होंने जुकरवा की ही ऐसी तैसी करनी शुरू कर दी कुछ जो एकदम नेशनल टाइप के कर्रे क्रांतिकारी थे उन्होंने बाकी जम्बूद्वीप वासियों को जगाना शुरू किया कि बे क्या कर रहे हो ये जुकरवा काट रहा है तुमको। खैर, ज्यादा कुछ न हो पाया और जुकरवा ने भी तरह तरह से try किया मनाने का कभी बड्डे विश करके कभी मेमोरी याद दिलाके कभी रिपब्लिक डे पर अपनी वाल पर तिरंगा लगाकर यही सब रूठने मनाने के खेल चल रहा था।।
अचानक से अकाल पड गया और कच्चे माल की भयंकर कमी हो गयी जम्बूद्वीप में किसी के पास कुछ न था दीवार पर टांगने को कब तक वही मोदी कजरी दिग्गी ओवैसी साक्षी प्राची बिकता बाज़ार में। लोगों को कुछ लेटेस्ट चाहिए था बीच बीच में रंगदार बाबू पटना वाले और नेताजी try कर रहे थे पर जनता को मजा ही नहीं आ रहा था। कोई भी कच्चा माल एक दिन से ज्यादा चल ही न रहा था।।
ऐसे माहौल में देश के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय के हीरे पन्नो ने ये जिम्मेदारी अपने कन्धों पर उठा ली और कसम खायी कि ऐसा राडा कर देंगे ऐसी चरस बोयेंगे की खत्म ही न होगी उनको विश्वास जो था कि बाकी जिम्मेदारी तो स्लीपर सेल्स भी उठा लेंगे ।। तब कहीं जाकर उदय हुआ JNU ढपली राग का और कन्हैया उमर खालिद अपराजिता द्रौपदी जैसे अवतारों ने एकदम से अपना भव्य रूप दिखाया और काश्मीर की आज़ादी मांगने लगे।। उधर काश्मीर वाले ये सोच सोच कर पगलाए हैं कि हमारी आज़ादी का ये दिल्ली में बैठकर क्या करेंगे।। इन महान बिभूतियों ने अफजल को भी लपेटे में ले लिया तो उसने भी उपर नर्क में आत्महत्या कर ली वो दिन है और आज का दिन हफ्ता हो गया पर कच्चा माल खत्म ही नहीं हो रहा।। सब सजा सजा कर अपनी दीवारों पर टांग रहे हैं सब खुश हैं।।
तो जैसे JNU के अवतारों ने जम्बूद्वीप वासियों को तारा है ऐसे सारे जग को तारें।।
जय JNU
#और जो भी मनुष्य इस कथा को 7 लोगों को सुनाएगा और व्रत करेगा , JNU वाले अवतार उसको भी सेलिब्रिटी बना देंगे और जो भी इसे ignore करेगा उसको कीड़े पड़ेंगे, आँखें फूट जायेंगी, जहन्नुम का दरवाजा खुल जाएगा, ये वाली वो वाली सारी वाली बिमारी हो जायेंगी ।।शोर्ट में कहूँ तो मर जाएगा एकदिन ।। जय महिष्मति।।
भस्म ही है सत्य ।।
Thnak You JNU
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