नीदरलैंड्स के इस्लाम विरोधी नेता गीयर्ट विल्डर्स ने कहा है कि इस्लाम शांति का नहीं बल्क़ि आतंक का मजहब है. गीयर्ट विल्डर्स नीदरलैंड्स के सांसद और पार्टी ऑफ़ फ्रीडम के अध्यक्ष है. गीयर्ट विल्डर्स ये भी कहा की,हमारे यूरोप में सेक्युलर नेता रोज सुबह उठकर ये बात करते है की इस्लाम शान्ति का प्रतीक है पर ऐसा कुछ नहीं है,इस्लाम तो आतंक का मजहब है.इस्लाम को सिर्फ आतंक से मतलब है.
गीयर्ट विल्डर्स यही रुके और अपना विरोध दिखाते हुए उन्होंने ट्विटर पर एक फोटो भी पोस्ट की.नीचे देखे क्या है इस फोटो में.
गीयर्ट विल्डर्स अक्सर इस्लाम और प्रवासियों को लेकर अपनी घृणा जताते रहते हैं. उन्होंने नीदरलैंड में क़ुरान पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की है.गीयर्ट विल्डर्स का कहना है की इस्लाम को अपने पास जगह देने का मतलब है अपने भविष्य को दाव पर लगाना. इस्लाम से करीबी आत्महत्या के बराबर है.गीयर्ट विल्डर्स ने डोनाल्ड ट्रम्प का भी पुरजोर से समर्थन किया और यूरोप में इस्लाम को बैन करने की माँग की.
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आदरणीय 'मुस्लिम सम्प्रदाय' पुराणों में लिक्षित 'भस्मासुर' के विकृत अंशों से जन्मी उसी की प्रजाति के वर्तमान के 'अस्सुरिए - मानव' हैं तो उसकी कुवृत्ति से भिन्न कैसे हो सकते हैं? ... इनका अपनों को ही ऐसी बर्बरता से वध करना व् अन्य वहशीपन भी यही दर्शाता है।
ReplyDeleteजैसे भारत के पासपोर्ट्स में हमारे राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय नाम 'इंडिया' के साथ साथ भारतीय राष्ट्रिय नाम 'भारत' भी लिखा जाता है .... ठीक उसी तरह आज के सीरिया को वहां के नागरिक 'ASSURIYA' ही नहीं कहते बल्कि इनके पासपोर्ट्स में भी सीरिया के साथ साथ 'अस्सुरिया' ही लिखा हुआ है।
हम जो लिख रहे हैं आप उसे गूगल में भी इनके राष्ट्र के नाम को खोज कर पढ़ सकते हैं।
यही नहीं इनके तो इतिहास में भी 'असुर' एक उपाधि हेतु इनके राजाओं के नाम से पहले लिखा आदरणीय 'मुस्लिम सम्प्रदाय' पुराणों में लिक्षित 'भस्मासुर' के विकृत अंशों से जन्मी उसी की प्रजाति के वर्तमान के 'अस्सुरिए - मानव' हैं तो उसकी कुवृत्ति से भिन्न कैसे हो सकते हैं?इनका अपनों को ही ऐसी बर्बरता से वध करना व् अन्य वहशीपन भी यही दर्शाता है।
जैसे भारत के पासपोर्ट्स में हमारे राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय नाम 'इंडिया' के साथ साथ भारतीय राष्ट्रिय नाम 'भारत' भी लिखा जाता है ठीक उसी तरह आज के सीरिया को वहां के नागरिक 'ASSURIYA' ही नहीं कहते बल्कि इनके पासपोर्ट्स में भी सीरिया के साथ साथ 'अस्सुरिया' ही लिखा हुआ है।
हम जो लिख रहे हैं आप उसे गूगल में भी इनके राष्ट्र के नाम को खोज कर पढ़ सकते हैं।
यही नहीं इनके तो इतिहास में भी 'असुर' एक उपाधि हेतु इनके राजाओं के नाम से पहले लिखा जाता रहा है उदाहरणः 'असुर' बेनीपाल प्रथम, 'असुर' बेनीपाल द्वित्य आदि आदि आज भी लिखा मिलता है।
कुछ ऐसे ही इस सम्पूर्ण क्षेत्र के 'दैत्य ' व् 'राक्षसों' जैसी पुरातन मानव जातियों की उपाधियों से इनके शासकों के नामों से पहले लिखना इनके तब के ऐसे इतिहासिक वृत्तांत हैं जो आज भी इनके इतिहासों में इनकी शिक्षा प्रणाली से जुड़े हुए हैं।
इन्हे आज भी अपने असुर, दैत्य या फिर राक्षस होने का 'ग़ौरव' है , क्यूंकि औवित्य समय व् भाषा के परिवर्तानुसार इन उपाधियों के मूल अर्थ का इनकी समृति से विलोप होना।
इस समय विश्व में एक वर्ग के इंसान जो इनकी इस पाशविक वृत्ति को समझ चुके हैं, वही इन्हे एक विशेष योजना तहत शस्त्र-अस्त्र से ~ सुशोभित~ कर इनके स्वःभस्म की चेष्टाओं में हैं।
दूसरी तरफ जो इन्हे नहीं जानते वह हैं मानव अधिकार के संगठन और सेक्युलर हैं जो इन्हे मानव मान कर इन्हे अपने ही घरों में शरणार्थी या अतिथि देवो भावो वृत्ति हेतु इनकी सुरक्षा व् इनका अभिवादन कर रहे हैं।
दोनों एक दूसरे के विपरीत होते हुए भी आज के आधुनिक व् तथाकथित उदार समय में परस्पर टकराएंगे ही। विषाद तो यह है कि उसका लाभ भी इन्ही पिशाचों को ही मिलेगा। धन्यवाद।