दो साल बेमिसाल, मोदी जड़ से कर रहे हैं देश की समस्याएँ खत्म
यह खबर बिना किसी के साथ भेदभाव किये केवल देशवासियों तक सच पहुँचाने के लिए लिखी जा रही है। इस खबर को पढने के बाद अपने आप पता चल जाएगा कि मोदी सरकार और कांग्रेस सरकार में क्या फर्क है और दोनों के काम करने ढंग कैसा है। किसकी सरकार से देश का भला हुआ है और किसकी सरकार से देश का विनाश हुआ है। प्रधानमंत्री को को दिल्ली की गद्दी पर बैठे आज दो साल पूरे हो चुके हैं, कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी ने कुछ नहीं किया है, कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी के फसल बो दी है, काटनी अभी बाकी है तो कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी को और तेज काम करना चाहिए।
कुछ लोग यह कह रहे हैं कि मोदी ने कुछ भी नहीं किया है, जो कुछ किया है कांग्रेस ने किया है, मेट्रो कांग्रेस ने बनायी, बड़े बड़े अस्पताल कांग्रेस ने बनाए, यूनिवर्सिटी कांग्रेस ने बनायी और बड़े बड़े एअरपोर्ट कांग्रेस ने बनाएउर बार बार ap, अब यह तो हो नहीं सकता कि मोदी जी प्रधानमंत्री बन्ने के बाद मेट्रो, बड़े बड़े हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी और अन्य चीजों को उखाड़कर उस स्थानों पर केवल दो वर्षों में फिर से यही चीज बना देते और देश को बताते कि हमने यह किया है, यह भी नहीं हो सकता कि मोदी जी बिना मतलब के लियी बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी कर दें और देश को बताएं कि हमने यह किया है।
जो काम कांग्रेस ने किये हैं और जो इमारतें कांग्रेस ने बनायी हैं वह अपने स्थान पर ही रहेंगी, मोदी का काम सिर्फ भ्रष्ट हो चुके सिस्टम को दुरुस्त करना, अच्छा प्रशासन देना, गरीबी कम करना, शिक्षा में सुधार करना, बेरोजगारी कम करना, बीमारी कम करना, कालेधन पर अंकुश लगाना, मंहगाई कम करना और देश को विकास की नयी ऊँचाइयों पर ले जाना है जो वह कर भी रहे हैं।
कुछ लोगों में धर्य का अभाव होता है, ऐसे लोग चाहते हैं कि सभी समस्याएँ तुरंत ही ख़त्म हो जाँय, ऐसा ना होने पर वो लोग फिर उसी की सरकार बना देते हैं जिसकी वजह से सभी समस्याएँ पैदा हुई हैं और ऐसे लोग फिर से पांच साल पछताते रहते हैं, इनका काम ही है धीरज के अभाव में गलतियाँ करना और पांच-दस साल तक पछताते रहना, फिर गलतियाँ करना फिर पछताते रहना, बार बार गलतियाँ करना और बार बार पछताते रहना।
ऐसे लोग यह नहीं सोचते कि ऐसा क्या कारण है कि पेट्रोल 73 रुपये के बजाय 60 रुपये में मिलने लगा, मार्किट में गैस सिलेंडर 1300 के बजाय 520 में कैसे हो गया, बीजेपी शासित राज्यों में बिजली 20-24 घंटे कैसे मिलने लगी, पेंशन बैंक खातों में क्यों आने लगी और उनका बैंकों में लाइन लगाना और धक्के खाना कैसे बंद हो गया, सब्जियों, गेंहू, चावल, आटा के दाम कैसे कम हो गए (अरहर की दाल मंहगी), सभी राष्ट्रीय सड़कों का तेज गति से निर्माण कैसे शुरू हो गया, कालेधन पर अंकुश कैसे लग गया, प्रॉपर्टी के दाम कम कैसे हो गए, दलालों की दूकान कैसे बंद हो गयी, गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी कैसे बंद हो गयी, भरष्टाचार करने से लोग डरने क्यों लगे, गावों का विकास क्यों होने लगा, घोटालेबाजों को जेल क्यों दिखने लगी।
इस सबका कारण सिर्फ एक है कि मोदी सिस्टम में सुधार ला रहे हैं, भ्रष्टाचार ख़त्म कर रहे हैं और देश की समस्याएँ जड़ से ख़त्म कर रहे हैं, एक बार यह सभी समस्याएँ ख़त्म हो गयीं तो देश अपने आप तेज गति से विकास करने लगेगा।
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मोदी के काम करने का तरीका ही अलग है, सत्ता में आने के बाद उन्होंने पता कि देश की असली समस्याएँ क्या है तो उन्हें पता चला कि बिजली, पानी, खराब सड़कें, भ्रष्टाचार, दलाली, बीमारी और बेरोजगारी, किसानो खराबी स्थिति ही देश की असली समस्याएँ हैं, उन्होंने सोचा कि क्यों ना इन समस्याओं को जड़ से ख़त्म कर दिया जाय।
बिजली की समस्या
अब आप देखिये, काम करने के अलग अलग तरीके होते हैं, अगर देश में बिजली की समस्या है तो कुछ लोग उसे दूर करने के लिए पॉवर प्लांट लगा देते हैं जिससे सरकार के पैसे खर्च हो जाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो पहले पता करते हैं कि बिजली की समस्या क्यों है। मोदी को पता चला कि देश में अभी भी करीबी 18 हजार गाँव ऐसे हैं जहाँ बिजली नहीं पहुंची है तो उन्होंने तीन वर्षों में सभी गाँवों में बिजली पहुँचाने का संकल्प ले लिया और जिस प्रकार से काम चल रहा है उससे समय सीमा से पहले ही यह काम हो जाएगा।
मोदी ने जब पता किया कि आखिर दिल्ली जैसे शहरों में भी लोगों को बिजली क्यों नहीं मिलती है तो उन्हें पता चला कि बिजली तो पूरी है लेकिन लोग जागरूकता के अभाव में 100 वाट के बल्ब ओर बिजली खाने वाली ट्यूबलाइट जलाकर बिजली अधिक खर्च करते हैं, इस वजह से उनका बिल भी अधिक आता है। अगर मोदी चाहते तो बड़े बड़े पॉवर प्लांट लगाकर बिजली की समस्या ख़त्म कर देते लेकिन उन्होंने बिजली बचाने पर जोर दिया ताकि सरकारी खजाने से पैसे बचने के साथ साथ देशवासियों का बिजली बिल भी कम आये यानी दोनों तरफ फायदा। इसके लिए उन्होंने कम कम बिजली खाने वाले LED बल्ब बांटने की योजना बनायी, मोदी सरकार ने करीब 10 करोड़ LED बल्ब बाँट भी दिए। इससे पॉवर प्लांट का खर्चा बचने के साथ साथ ग्राहकों के करीब 20 हजार करोड़ रुपये बच गए। अब जहाँ जहाँ बीजेपी की सरकारें हैं वहां इस योजना का पूरा लाभ लिया जा रहा है लेकिन जिन राज्यों में दूसरी पार्टियों की सरकारें हैं वे ऐसी योजनाओं का इसलिए लाभ नहीं लेना चाहतीं क्योंकि इससे मोदी को अच्छे काम का क्रेडिट मिल जाएगा।
रसोई गैस की समस्या
कांग्रेस सरकार में रसोई गैस की कीमत करीब 1300 रुपये में थी और ब्लैक में लेने वालों को 1500-1600 रुपये में सिलेंडर मिलता था, केंद्र सरकार सभी ग्राहकों को 800-900 रुपये सब्सिडी देती थी जिसकी वजह से देश को बहुत नुकसान होता था, दूसरी समस्या यह होती थी कि कुछ लोग एक ही नाम से या अलग अलग नाम बदलकर कई गैस कनेक्शन ले लेते थे और सिलेंडरों की कालाबाजारी करके सरकारी खजाने से अरबों खरबों का चूना लगाते थे।
मोदी ने आते ही DBT यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर योजना शुरू कर दी जिसमें आधारकार्ड को बैंक खतों से जोड़ दिया गया, जिसके पास आधारकार्ड नहीं थे उनका भी अधारकार्ड बना दिया गया और लोगों को रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी उनके बैंक खतों में मिलने लगी। इस योजना से ऐसे लोग जो कई कनेक्शन लेकर सरकार को चूना लगाते थे उनके कनेक्शन अपने आप बंद हो गए क्योंकि वे आधारकार्ड तो एक ही बनवा सकते हैं इसलिए उनके नाम पर एक ही गैस कनेक्शन मिल सकता है।
इस योजना से कई फायदे हुए, एक तो फर्जी ग्राहक ख़त्म हो गए, दूसरा सरकारी खजाने की हजारों करोड़ की सब्सिडी लुटने से बच गयी, तीसरा फायदा यह हुआ कि जब सरकार के हजारों करोड़ रुपये बच गए तो सरकार ने रसोई गैस का बाजार भाव 1300 से घटाकर 500-600 रुपये कर दिया, यानी जिसके पास गैस की कॉपी नहीं है वह भी 1300 के बजाय केवल 500-600 रुपये में गैस खरीद सकता है।
जब सिलेंडरों के बाजार भाव 1300 के बजाय 500-600 रुपये में हो गया तो मोदी ने अमीर लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की, उन्होंने कहा कि आप लोग 100-200 रुपये की सब्सिडी छोड़ दें तो हम उन पैसों से गरीब लोगों को फ्री में गैस कनेक्शन देंगे। मोदी की इस अपील का असर हुआ और करीबी पांच करोड़ लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। मोदी सरकार उन पैसों से करीब पांच करोड़ गरीबों को फ्री में गैस कनेक्शन देगी।
बीमारी ख़त्म करने का मोदी का प्लान
बता दें कि गाँवों की महिलाएं आज भी धुंवे में खाना बनाने की वजह से सबसे अधिक बीमार होती हैं, इस वजह से देश के बड़े बड़े अस्पताल भरे रहते हैं, मोदी ने सोचा कि क्यों ना महिलाओं को धुंवे से आजादी दिलाकर उनके बीमार होने के कारण को ही ख़त्म कर दिया जाय, मोदी सरकार अगले तीन वर्षों में करीब पांच करोड़ गरीब महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन देगी ताकि उन्हें धुंवे में खाना ना बनाना पड़े और उन्हें बीमार होकर अस्पताल ना जाना पड़े। अब आप सोचिये पांच करोड़ महिलाओं में से अगर मोदी ने 5 लाख महिलाओं को भी बीमार होने से बचा लिया तो उससे AIMS जैसे करीब 100 अस्पताल बनाने का खर्च बच जाएगा। इनके अलावा जब महिलाएं बीमार नहीं होंगी तो उनके बच्चे भी बीमार नहीं होंगे। इसके अलावा परिवार में बीमारी पर खर्च होने वाला पैसा बच जाएगा और लोग अपने बच्चों को अच्छा भोजन और अच्छी शिक्षा दे सकेंगे, इसके अलावा मोदी सरकार योगा के प्रति भी लोगों को जागरूक कर रही है ताकि लोगों का स्वास्थय बेहतर हो।
मोदी का भ्रष्टाचार ख़त्म करने का प्लान
मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्रीय सरकार के सभी कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवार के एक एक सदस्य की संपत्तियों का लेखा जोखा ले लिए ताकि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी से खाए तो सरकार को पता चल जाए। मोदी सरकार के इस कदम से केंद्र सरकार के दफ्तरों में घूसखोरी और भ्रष्टाचार ख़त्म हो गए। इसके अलवा केंद्र सरकार ने सभी योजनाओं में टेंडर नियम लागू कर दिया ताकि कोई अपने ख़ास लोगों को ठेका ना दे सकें और कमीशन ना खा सकें। इससे सिस्टम में पारदर्शिता आ गयी और कमीशनखोरी बंद हो गयी। इनके अलावा मोदी सरकार ने कालेधन पर कड़ा कानून बनाकर भारत से कालाधन बाहर जाने का रास्ता ही बंद कर दिया, अब किसी भी कीमत पर देश का धन बाहर जा ही नहीं सकता।
बेरोजगारी की समस्या
मोदी सरकार के लिए बेरोजगारी की समस्या दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है, मोदी जानते हैं कि सबको एक साथ नौकरी नहीं दी जा सकती और ना ही एकाएक बड़ी बड़ी कम्पनियाँ खोली जा सकती हैं। उन्होंने बेरोजगारी ख़त्म करका का सबसे बड़ा तरीका खोज निकाला है, अब पढ़े लिखे लोगों को किसी के पास नौकरी के लिए जाने की आवश्यकता ही नहीं है, अब बैंक से सस्ता लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया जा सकता है और अपने पैरों पर खड़ा हुआ जा सकता है, यही नहीं युवा अपना काम शुरू करके दूसरे युवाओं को भी रोजगार दे सकता है। यह योजना अभी शुरू हुई है और लाखों युवाओं को लोन दिया जा चुका है, अब एक दिन में तो कोई अपना बिजनेस खड़ा नहीं कर पाएगा लेकिन अगर यही लाखों युवा अगर 8-10 लाख युवाओं को भी रोजगार देंगे तो हर साल करोड़ों युवाओं को अपने आप रोजगार मिल जाएगा, आज भले ही लोग बेरोजगारी के लिए मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं लेकिन स्टार-अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा योजना की वजह से अगले दो-तीन वर्षों में बेरोजगारी के समस्या अपने आप ख़त्म हो जाएगी और लोग मोदी सरकार का गुणगान करना शुरू कर देंगे।
मंहगाई ख़त्म करने का प्लान
मोदी के लिए मंहगाई ख़त्म करना सबसे बड़ी चुनौती है जिससे मोदी बहुत अच्छी तरह से निपट रहे हैं, पिछले दो वर्षों से जबरजस्त सूखा पड़ने के बाद भी आज ज्यादातर खाने पीने की चीजों के दाम कम हैं, प्यार 10-20 रुपये में टमाटर 10-20 रुपये में, हरी सब्जियां भी सस्ती हैं, यह सब केवल इसलिए क्योंकि मोदी ने मंहगाई पर बहुत अच्छी तरह से नियंत्रण कर रखा है। देशवासी सूखे के बाजजूद भी सस्ती सब्जियां खा रहे हैं। आने वाले समय में मंहगाई पर और नियंत्रण होना तय है क्योंकि मोदी ने मंहगाई का सबसे बड़े कारण को ही ख़त्म करने का निर्णय ले लिया है।
क्या है मंहगाई का सबसे बड़ा कारण
देश में मंहगाई का सबसे बड़ा कारण देश में अच्छी सड़कों का ना होना है, जिसकी वजह से फल और सब्जियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले लाते वक्त रास्ते में ही खराब हो जाते हैं और मंहगे हो जाते हैं। अगर सड़कें लम्बी चौड़ी और मजबूत होंगी तो फल और सब्जियां बिना खराब हुए बहुत तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाई जा सकेंगी और लोगों को भी सस्ते दामों में मिलेंगी। मोदी सरकार ने देश के सभी राष्ट्रीय मार्गों के निर्माण, पुनर्निर्माण और विस्तार का काम बहुत तेजी से शुरू किया है, जल्द ही देश की सभी सड़कें विश्व स्तर की होंगी और देश में परिवहन व्यवस्था बहुत अच्छी हो जाएगी।
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