रोहित वेमुला मामले में कांग्रेस का बहुत बड़ा हाथ! ये बड़ा खुलासा जान चौंक जायेगे आप !
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चल रहे विवादों में बुधवार को एक और विवाद जुड़ गया। रोहित वेमुला की मौत के बाद यूनिवर्सिटी में आंदोलन के अगुआ रहे राजू साहू ने वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई से नाता तोड़ लिया है। यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के महासचवि राजू साहू ने एसएफआई में लोकतंत्र न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यूनियन के पदाधिकारियों को अपने विचार व्यक्त करने तक की आजादी नहीं है और यहां तक कि साधारण कार्यकर्ता भी सीधे शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर बिना सवाल उठाए काम करते हैं।
राजू ने कहा कि अब मुझे समझ में आ गया है कि एसएफआई की राजनीति सिद्धांतों पर नहीं बल्कि अवसरवादिता पर आधारित है। राजू साहू ने रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद कैंपस में संगठन द्वारा की जा रही राजनीति से अपने मतभेद जाहिर करते हुए संगठन पर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि रोहित की आत्महत्या के मसले पर चलाए जा रहे आंदोलन के लिए कांग्रेस फंड मुहैया करा रही है।
राजू साहू रोहित वेमुला के मामले में काफी सक्रिय रहे थे। रोहित को न्याय दिलाने के लिए होने वाले प्रदर्शनों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। बुधवार को उन्होंने मीडिया को वामपंथी छात्र संगठन SFI की सदस्यता छोड़ने की घोषणा की। हालांकि, इसके बाद भी वह छात्र संघ के महासचिव बने रहेंगे। उन्होंने पार्टी पर गलत नीतियों को बढ़ाने का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा कि वह इन दिनों रोहित की तरह ही खुद को बहुत अकेला महसूस करने लगे हैं।
साहू ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में कहा, ‘मैं अपनी समझ के आधार पर कह सकता हूं कि रोहित के लिए शुरू किए गए आंदोलन को बड़े पैमाने पर कांग्रेस द्वारा फंड दिया जा रहा है। कैंपस के बाहर के कुछ लोग जिनमें राजनीतिक दलों के लोग भी शामिल हैं की इस विवाद को बढ़ाने में बड़ी भूमिका है।’
साहू ने संगठन छोड़ने के कई कारण बताए। उन्होंने पार्टी की अवसरवादी राजनीति और कुछ लोगों के खिलाफ झूठा प्रचार करने की नीति को भी पार्टी छोड़ने की वजह बताई। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि एसएफआई के अप्रासंगिक आंदोलनों की वजह से छात्रों को अच्छे अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। साहू ने कहा, ‘छात्र संघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में क्लास, जाति, और धार्मिक कार्ड खेला जा रहा है। एसएफआई की आंतरिक राजनीति में भी क्षेत्रीयता और धर्म बड़ी भूमिका निभाते हैं।’
No comments:
Post a Comment