जनता के साथ धोखा - कांग्रेस ने 2010 को 25 पाकिस्तानी आतंकियों को जेल से कर दिया था रिहा
हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को छोड़ दिया था यूपीए सरकार ने –
TOI में छपी खबर के मुताबिक इन आतंकियों को देश की सबसे सुरक्षित माने वाली जेलों से कांग्रेस सरकार के आदेश पर 28 मई 2010 को छोड़ा गया था | इन आतंकियों को पकड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर, श्रीनगर, आगरा, वाराणसी, नैनी और तिहाड़ की जेलों में रखा गया था | लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इन आतंकियों को इन जेलों से छोड़कर बाघा सीमा के रास्ते से पाकिस्तान पहुँचा दिया था |
1999 में हुए कंधार प्लेन हाइजैक के वक्त भी नहीं छोड़ा था वाजपेई सरकार ने इन्हें –
यह आतंकी कितने खतरनाक थे इस बात का अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है कि पंडित अटलबिहारी वाजपेई की सरकार के समय में हाइजैक किये गए एयर इंडिया के विमान IC814 को आतंकियों की कैद से छुडाने के बदले में भी आतंकियों ने इसी लतीफ समेत कुल 31 आतंकियों को छोड़ने की मांग रखी थी लेकिन वाजपेई सरकार ने इन्हें छोड़ने से साफ़ मना कर दिया था | लेकिन कांग्रेस ने केवल पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को सुधारने के लिए दुनिया के इन 25 सबसे खूंखार आतंकियों को छोड़ दिया था |
कौन है लतीफ-
लतीफ को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का सबसे नजदीकी माना जाता है | लतीफ को भारत में जैश का मुखिया भी कहा जाता है | इसे गिरफ्तार करने के बाद सबसे पहले जम्मू-कश्मीर की जेल में रखा गया था लेकिन जैसे ही सरकार को इस बात की भनक लगी की लतीफ को छुडाने के लिए उसके कुछ साथी कोई बड़ा हमला या फिर कोई बड़ी शाजिश को अंजाम दे सकते है तो ऐसे में भारत सरकार ने उसे जम्मू-कश्मीर की जेल से सीधे वाराणसी की जेल में बंद कर दिया था |
लेकिन जब 28 मई 2010 को तत्कालीन यूपीए सरकार ने 25 खूंखार आतंकियों को छोड़ा था और उन्हें पूरी सुरक्षा में पाकिस्तान भेजा था तो उनमें से एक आतंकी यह भी था | एनआईए ने खुलासा किया है कि पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले को अंजाम देने वाला और इसे पूर्णतः हैंडल करने वाला लतीफ ही है |
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