Wednesday, May 11, 2016

आखिर क्यों बिलकुल गलत हैं बाबा रामदेव के कामों को व्यापार कहने वाले ?

आखिर क्यों बिलकुल गलत हैं बाबा रामदेव के कामों को व्यापार कहने वाले ?


बाबा रामदेव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है, एक प्रसिद्ध हिन्दू धर्म गुरु होने के साथ-साथ वो एक नेता भी है | बाबा रामदेव को सबसे अधिक प्यार और इज़्ज़त मिला इनके योग गुरु होने के कारण | वो लाखों लोगों को योग शास्त्र सिखाते हैं, भले ही वो विवादों से घिरे रहते है लेकिन आज उनके चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं |
baba ramdev
“पतंजलि” जो कि बाबा रामदेव के द्वारा बनाई गई एक संस्था है ने गत वर्ष व्यापार के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किये हैं | पतंजलि एक आयुर्वेदिक उत्पाद बने वाली संस्था है जिसके ग्राहकों की संख्या में तीव्र विस्तार हुआ है | दवाइयों से लेकर सौंदर्य प्रसाधन तक अन्न से लेकर खाने की हर वस्तु पतंजलि के दुकानों पर उपलब्ध रहती है | पतंजलि में एफ एम जी सी के क्षेत्र में उतर कर डाबर और इमामी जैसे कंपनियों के छक्के छुड़ा दिए हैं |और पिछले साल में पतंजलि संस्था ने 2500 करोड़ की कमाई कर के सबको चौंका भी दिया है|
और यही मुख्य कारण है कि क्यों ये तथाकथित सेक्युलर लोग बाबा रामदेव पर उँगलियाँ उठा रहे हैं, किसी हिन्दू आध्यात्मिक गुरु की इतनी प्रसिद्धि लोगों से कैसे बर्दाश्त हो सकती है | लोगो के आरोप हैं कि बाबा रामदेव पैसे के भूखे है इसलिए ये व्यापार कर रहे है | मेरा ऐसे लोगों से सवाल है कि क्या बाबा रामदेव का कोई परिवार है जिसके लिए वो कमाने की सोचेंगे? एक इंसान जो की केवल आध्यात्म सीखता है वो पैसो का क्या करेगा |
अगर आप सोच रहे है कि पतंजलि के पैसे कहां जाते है तो जरा ये बताइए कि बाबा राम देव ने जो 200 करोड़ की लागत से पतंजलि विश्वविद्यालय बनवाया है, और 300 करोड़ की लागत से विशाल आवासीय सुविधा के साथ विश्व का सबसे बड़ा योग केंद्र बनवाया है वो क्या आपके पैसो से या सरकार के पैसों से बना है? ये पैसे बाबा रामदेव के ही थे, ये पैसा पतंजलि के उत्पादों को बेचकर ही आया है और उन्होंने उसको खर्च भी किया तो किसके लिए? जनता के लिए, आपके और हमारे लिए | अब लोगों के हित में किया जाने वाला कार्य भी गुनाह हो गया है?
अगर अभी भी संदेह है तो सुनिए, सब जानते है कि किसी भी ट्रस्ट का पदेन सह अध्यक्ष उस जिले का कलेक्टर होता है जिस जिले में कोई ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन होता है| पतंजलि ट्रस्ट के अध्यक्ष हरिद्वार के कलेक्टर हैं जिनके हस्ताक्षर के बिना बाबा एक रुपये भी खर्च नहीं कर सकते | इसके अलावा बाबा के सभी ट्रस्टो के आय और व्यय का आडिट सरकार करवाती है | अब ऐसे में स्वामी रामदेव के द्वारा की गई बातें सच नहीं हैं तो क्या हैं?
patanjali
बाबा रामदेव ने सार्वजिनक तौर पर ये घोसित कर दिया है की ये ट्रस्ट किसी लाभ के लिए नहीं चलाया जा रहा है ये केवल लोगों के हित में है | रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद के माध्यम से लोगों को स्वस्त्यवर्धक खानपान और नुकसान रहित दवा के साथ-साथ सौंदर्य प्रसाधन और घरेलू वस्तुओं को विदेशी कम्पनियों से 10 से 40 प्रतिशत तक सस्ता प्रदान करने का बीड़ा उठाया है | ऐसे में उनपर विरोधियों द्वारा उंगलिया उठया जाना स्वाभाविक है |
अगर उंगलियाँ उठानी ही हैं तो उनपर क्यों नहीं जो वास्तव में व्यापार के नाम पर कालाबाजारी करते हैं, सरकार जिनका कुछ नहीं बिगाड़ पाती ना ही ये प्रेस्याएं जिनको मोदी सरकार को उँगली करने से फुर्सत नहीं है | उनमे से एक हैं “राजीव गांधी मेमोरियल ट्रस्ट” जिसकी मुखिया सोनिया गाँधी है, इस ट्रस्ट के पास भारत मे कुल बीस हज़ार एकड जमीन है | जिसमें वीर भूमि , शक्ति स्थल , शांति वन और तमिलनाडु मे श्रीपेरंबदूर मे बना राजीव गाँधी का स्मारक है|
अरबों की ये संपत्ति कुल आठ हज़ार एकड़ में फैली हुई है, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात ये है की इस ट्रस्ट का तो आज तक आडिट ही नहीं हुआ पता है क्यों? क्योंकि ये ट्रस्ट एक चैरिटी ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर हुआ है| एक चैरिटी ट्रस्ट जो की कभी भी चैरिटी करता ही नहीं ! ये केवल गांधी परिवार और कांग्रेस की चैरिटी के लिए बना है? और तो और अपने शासन काल में मनमोहन सिंह ने एक बार २०० करोड़ रूपये दे दिए थे जिसका संसद में काफी विरोध भी हुआ था | एक ऐसा ट्रस्ट जिसका एक बार भी ऑडिट नही हुआ हो उसको ऐसे पैसे नहीं दिए जा सकते और इसके बाद मनमोहन सिंह ने वो पैसे वापस ले लिए थे |
इस ट्रस्ट को बिना किसी नियमकायदे के राजस्थान सरकार ने गुडगाँव और फरीदाबाद मे दो सौ एकड जमीन सिर्फ 1 रूपये मे दी है | महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में कोहिनूर मिल की दो एकड और पूना मे चालीस एकड जमीन मुफ्त मे इस ट्रस्ट को दिया है | अब इस कांड पर कोई कोंग्रेसी मुंह क्यों नहीं खोलता? जो लोग स्वामी रामदेव की जन कल्याण संस्था पर सवाल कर सकते हैं वो इस बेगैरत संस्था पर ऊँगली क्यों नहीं करते है?
बड़े दुःख की बात है कोई इस देश में अपने कमाए हुए पैसो से कुछ कर रहा है और लोगों को मिर्ची लग रही है | क्या इस देश में भलाई का काम करना पाप है? इतना सब सुनने के बाद भी जिनको बाबा रामदेव पर शक है कि वो इस पैसे को निजी उपयोग में लेते हैं, मेरी उनसे विनती है कि कृपया कर के एक बार हरिद्वार में पतंजलि योग पीठ जरूर जाये, और सब देखने के बाद फैसला करें कि क्या ये सब फ्री में हुआ है?
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अगर आज कांग्रेस बाबा रामदेव के खिलाफ बोल रही है तो ये उसकी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मिलीभगत है क्युकी रामदेव ने सबको बर्बाद कर रखा है | ये सब बाबा से डर गए है और इसका उदाहरण देखने को मिला जब राहुल गांधी से किसी ने काले धन के बारे में पूछ तो उनको बाबा रामदेव दिखने लगे | और दिग्विजय सिंह जैसे दोगले नेता अब बाबा रामदेव को सन्यास और अध्यात्म की परिभाषा भी सिखा रहे हैं | कांग्रेस पहले भी आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव के पीछे अपनी पूरी जांच एजेंसियां लगा चुकी है पर मिला कुछ नहीं | कांग्रेस के पागलपन का एक कारण और भी है जिस तरह बाबा रामदेव ने यूपी में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार किया उसने कांग्रेस की खटिया खड़ी कर दी है, इसलिए कांग्रेसी और बाबा का नाम सुनते ही कुत्ते की तरह भौकने लगते हैं |
पिछले 5 सालों में पतंजलि के उत्पादों की खपत लोगों में बेतहाशा बढ़ी है और लोग पतंजलि के सभी उत्पादों का भरपूर लाभ ले रहे हैं | बाबा रामदेव ने ये सिद्ध कर दिया है कि बिना किसी लाभ के भी किसी कार्य को इतनी खूबसूरती से किया जा सकता है |
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हम अपने पाठकों को ये बताना चाहते हैं कि बाबा रामदेव की पतंजलि में कोई हिस्सेदारी नहीं है वो निःस्वार्थ भाव से जनहित में कार्य कर रहे हैं, पतंजलि के 92 प्रतिशत हिस्सेदारी आचार्य बालकृष्ण की है और बाकी के 8 प्रतिशत सरवन और सुनीता पोद्दार के हैं जो कि “यूके ट्रस्ट ऑफ़ पतंजलि” से जुड़े हुए हैं, जिन्होंने अपनी जमीन भी पतंजलि ट्रस्ट को दान कर दी है | बाबा रामदेव ने केवल आयुर्वेद को लोगो तक पहुचने का सराहनीय कार्य किया है |

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