Wednesday, February 17, 2016

जेएनयू के गद्दार रामा नागा के पिता चूड़ी बेचते हैं और उसकी मां मजदूरी करती है तो क्या इसीलिए उसे गद्दारी की छुट है?

कन्हैय्या कुमार का बाप पैरालाइज़्ड है और कई सालों से बिस्तर पर है, माँ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है जहाँ उसे 3000 रूपये महीने की तनख्वाह मिलती है, एक भाई और है जो आईएएस की तैयारी कर रहा है। कन्हैया कुमार की उम्र लगभग 30 वर्ष है और वो जेएनयू में पीएचडी कर रहा है। कन्हैया कुमार बिहार के जिस इलाके का रहने वाला है वो बहुत पिछड़ा इलाका है और वहां हमेशा सीपीआई और सीपीआई माले का बोलबाला रहा है। अब सवाल ये उठता है कि जिस बेटे की माँ दिन रात मेहनत करके 3000 रूपये महीने कमाती हो उसका लड़का 30 साल की उम्र तक पढाई करेगा? दूसरा सवाल, जिसके क्षेत्र का विकास कम्युनिस्टों के रहते (या उनके कारण) नहीं हो पाया क्या वो उन्ही का फेवर करेगा? तीसरा सवाल, क्या एक गरीब दलित इतने महंगे वकील हायर कर सकेगा? और मजे की बात सुनिए, जिस लड़के को घर में इतनी परेशानियां हैं उसका आदर्श है, एक हार हुआ नौजवान जिसने आत्महत्या कर ली थी, और शर्मनाक बात ये है कि हमारे देश का मीडिया उसे हीरो बना रहा है, रविश कुमार जैसे सीरियस पत्रकार उसकी शान में कसीदे पढ़ रहे हैं।
रविश कुमार के अनुसार जेएनयू के गद्दार रामा नागा के पिता चूड़ी बेचते हैं और उसकी मां मजदूरी करती है
तो क्या इसीलिए उसे गद्दारी की छुट है?

No comments:

Post a Comment