JNU में इस्लामिक जिहादियों और बामपंथी-नक्सलियों के गठजोड़ ने इस शिक्षा के मंदिर को ''जिहादी नक्सल यूनिवर्सिटी'' में तब्दील कर दिया है।
बामपंथी-नक्सली विचारधारा भारतीय लोकतंत्र के लिए किस कदर खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की बिहार बेगुसराय जिले के बीहट में जन्मा "कन्हैया कुमार" कश्मीर की आजादी और भारत की बर्बादी के सपने देख रहा है। बाप पत्थर तोड़ता है, माँ आगनबाडी में काम करती है, और बेटा दहशतगर्द अफजल का शहीदी दिवस मनाता है।
यह खतरे की घंटी है-- उन माँ-बाप के लिए जो JNU जैसे उच्च कोटि के शिक्षा-संस्थान में अपने बच्चों को पढ़ाने के सपने देखा करते थे --- भारत सरकार के लिए -- जिसके आँखों के सामने JNU "हाफिज सईद के इंडियन ट्रेनिंग सेंटर" के तौर पर काम कर रहा है। बामपंथी-नक्सली लाल-चड्डी गैंग ने एक अच्छे भले यूनिवर्सिटी का सत्यानाश कर दिया।
''जिहादी नक्सल यूनिवर्सिटी'' में "राष्ट्रवाद" की अलख जलाने के लिए सबसे पहले इसके नाम से देशद्रोही नेहरू का नाम हटाकर "नेताजी सुभाषचन्द्र बोस" के नाम पर रखा जाये और यूनिवर्सिटी VC के लिए "सुब्रह्मण्यम स्वामी" जी बेहतरीन कैंडिडेट होंगे
बामपंथी-नक्सली विचारधारा भारतीय लोकतंत्र के लिए किस कदर खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की बिहार बेगुसराय जिले के बीहट में जन्मा "कन्हैया कुमार" कश्मीर की आजादी और भारत की बर्बादी के सपने देख रहा है। बाप पत्थर तोड़ता है, माँ आगनबाडी में काम करती है, और बेटा दहशतगर्द अफजल का शहीदी दिवस मनाता है।
यह खतरे की घंटी है-- उन माँ-बाप के लिए जो JNU जैसे उच्च कोटि के शिक्षा-संस्थान में अपने बच्चों को पढ़ाने के सपने देखा करते थे --- भारत सरकार के लिए -- जिसके आँखों के सामने JNU "हाफिज सईद के इंडियन ट्रेनिंग सेंटर" के तौर पर काम कर रहा है। बामपंथी-नक्सली लाल-चड्डी गैंग ने एक अच्छे भले यूनिवर्सिटी का सत्यानाश कर दिया।
''जिहादी नक्सल यूनिवर्सिटी'' में "राष्ट्रवाद" की अलख जलाने के लिए सबसे पहले इसके नाम से देशद्रोही नेहरू का नाम हटाकर "नेताजी सुभाषचन्द्र बोस" के नाम पर रखा जाये और यूनिवर्सिटी VC के लिए "सुब्रह्मण्यम स्वामी" जी बेहतरीन कैंडिडेट होंगे
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