आज राहुल गाँधी कहते है की केंद्र सरकार कन्हैया की आवाज दबा रही है ..विश्व में पहली बार कम्यूनिस्टो ने चुनावो द्वारा सत्ता केरल में 1957 में हासिल की थी.. ई एम् एस नम्बूदरीपाद केरल के मुख्यमंत्री बने ... भारत के किसी राज्य में पहली बार गैर कांग्रेसी दल सत्ता में आया था ...
नम्बूदरीपाद ने सत्ता मिलते ही अपना वामपंथी एजेंडा लागु करना शुरू कर दिया ..केरल में भारत के सम्विधान को भी मानने से जैसे इंकार कर दिया था ..फिर मात्र २ साल बाद ही नेहरु ने नम्बूदरीपाद सरकार को बर्खास्त कर दिया .आजादी में बाद नम्बूदरीपाद सरकार पहली ऐसी सरकार थी जिसे आर्टिकल 356 के द्वारा केंद्र ने बर्खास्त किया हो ...
और आज वही वामपंथी सूअर कांग्रेस की गोद में बैठकर आजादी की बात करने लगे
और एक बात भारत में मुस्लिम लीग से बड़ा साम्प्रदायिक दल दूसरा कोई नही होगा ..इसकी स्थापना ही सिर्फ मुसलमानों के लिए की गयी थी .. देश को तोड़ने में मुस्लिम लीग का सबसे बड़ा हाथ था ..आजादी के बाद भी मुस्लिम लीग के कुछ सदस्य भारत में ही रहे और उन्होंने मुस्लिम लीग को जिन्दा रखा ..भारत में मुस्लिम लीग का सबसे ज्यादा प्रभाव केरल में है..
नम्बूदरीपाद ने सत्ता मिलते ही अपना वामपंथी एजेंडा लागु करना शुरू कर दिया ..केरल में भारत के सम्विधान को भी मानने से जैसे इंकार कर दिया था ..फिर मात्र २ साल बाद ही नेहरु ने नम्बूदरीपाद सरकार को बर्खास्त कर दिया .आजादी में बाद नम्बूदरीपाद सरकार पहली ऐसी सरकार थी जिसे आर्टिकल 356 के द्वारा केंद्र ने बर्खास्त किया हो ...
और आज वही वामपंथी सूअर कांग्रेस की गोद में बैठकर आजादी की बात करने लगे
और एक बात भारत में मुस्लिम लीग से बड़ा साम्प्रदायिक दल दूसरा कोई नही होगा ..इसकी स्थापना ही सिर्फ मुसलमानों के लिए की गयी थी .. देश को तोड़ने में मुस्लिम लीग का सबसे बड़ा हाथ था ..आजादी के बाद भी मुस्लिम लीग के कुछ सदस्य भारत में ही रहे और उन्होंने मुस्लिम लीग को जिन्दा रखा ..भारत में मुस्लिम लीग का सबसे ज्यादा प्रभाव केरल में है..
मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करके सीपीआई ने केरल में पांच बार सरकार बनाई है... वामपंथी दलों की ये कैसी धर्मनिरपेक्षता की ये मुस्लिम लीग को साम्प्रदायिक पार्टी नही मानते जिसके सम्विधान में ही लिखा है की हम सिर्फ मुस्लिमो की भलाई के लिए काम करेंगे और भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनायेंगे
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