Sunday, July 17, 2016

Modi सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। ये फैसला यौन शोषण पीड़ित महिलाओं के लिए सबसे बड़े मरहम के समान है।


यौन शोषण पीड़ितों के लिए Modi सरकार का सबसे बड़ा मरहम !



modi govt

Modi सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। ये फैसला यौन शोषण पीड़ित महिलाओं के लिए सबसे बड़े मरहम के समान है।

New Delhi, Jul 17:  केंद्र की मोदी सरकार ने देश में महिलाओं की हालत सुधारने की दिशा में कितना काम किया है इस पर बहस हो सकती है। लेकिन हाल ही में जो एक फैसला मोदी सरकार ने महिलाओं के हित में लिया है वो काबिले तारीफ है। मोदी सरकार ने फैसला किया है कि यौन शोषण पीड़ितों को 90 दिन की पेड लीव दी जाएगी। यौन शोषण के मानसिक संताप से निकलने के लिए ये अवकाश काफी मददगार साबित हो सकता है।


मोदी सरकार का ये फैसला फिलहाल केंद्रीय महिला कर्मचारियों के लिए है। सरकार ने ये फैसला यौन शोषण पीड़ितों को डराने और धमकाने के मामलों को देखते हुए लिया है। यौन शोषण पीड़ितों के लिए मोदी सरकार का ये सबसे बड़ा मरहम साबित हो सकता है। इस फैसले के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को पहले से दिए जा रहे अवकाश से अलग होंगी ये 90 दिन की पेड लीव।
केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने इस बाबत आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यौन शोषण के मामलों में जांच के दौरान पीड़ित सरकारी महिला कर्मचारी को 90 दिन का अवकाश दिया जाए। 90 दिनों की पेड लीव को पहले से दिए जा रहे अवकाशों में नहीं काटा जा सकता है। 90 दिन की पेड लीव का प्रावधान कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न एक्ट, 2013 के तहत लाया गया है।

मोदी सरकार के DoPT ने अब इस प्रावधान को सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स 1972 के साथ जोड़ दिया है। वरिष्ठ DoPT अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले के बाद यौन शोषण के सदमें से गुजर रही महिलाओं को थोड़ी राहत मिलेगी। किसी भी महिला के लिए वो दौर सबसे कठिन होता है। ऐसे में लगातार छुट्टी पर रहने के कारण नौकरी पर खतरा बन आता है। इस फैसले के बाद यौन शोषण पीड़ितों को मानसिक तौर पर उबरने में मदद मिलेगी। 

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