हिन्दू संस्कृति में कोई "दलित" नहीं था
हिन्दू संस्कृति में शाशन व्यस्था के नजरिये से किसी को दलित नहीं समझा जाता था | यह बीमारी मुस्लिम एवं अँगरेज़ आक्रांताओं के शाशन में थी।।
हिन्दू संस्कृति के आदर्श राम,कृष्ण, रहे हैं | समाज के अभावग्रस्त लोगों को दरिद्र नारायण की संज्ञा दी जाती थी | दरिद्र के प्रति स्नेह और सम्मान की भावना न होती तो राम भी शबरी के जूठे बेर नहीं खाते | हजारों साल से दलितों के साथ अन्याय होने की बात सरासर कोरी बकवाश और झूठ के अलावा कुछ नहीं है तथा ये कथित बुद्धिजीवियों का थोपा और प्रचारित असत्य है | ऋषि बाल्मीकि चांडाल कुल में जन्म लेने के बाद भी राम आदि राजाओं के लिए पूज्य और प्रणम्य थे |
दलित उत्पीड़न की बात मुग़लों से भी अधिक अंग्रेज़ों के द्वारा फूट डालों और शाशन करो के सिद्धांत का बड़ा हथियार था | आवश्यकता है भावी पीढ़ी के विद्यार्थियों को इतिहास से विदेशी विकृति या कचरे को साफ़ कर सौंपा जाये | भारत में अभावग्रस्त गरीब लोग थे लेकिन दलित नहीं थे | अभावग्रस्त ब्राह्मण,क्षत्र
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राज नेताओं को राज करने के लिए नए - नए शगूफे छोड़ने की आदत है |
पहले भी और अभी भी हिन्दू धर्म और देश धर्म के लिए सबसे बड़ा खतरा इस्लाम हैं।।।।
सबसे बड़ा सत्य तो यह हैं की ( कुछ 1%अपवादों को छोड़ कर) कोई भी मुसलमान अपने देश के प्रति वफादार नही है।। भारतीय मुसलमानो को सउदिया की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही हैं देश को अस्थिर करने के लिए ।।
जरूरत हैं आपस में लड़ने के बजाए देश के और धर्म के दुश्मनो को पहचानने की इनसे बदला लेने की ।।
कम्युनिस्ट कहते हैं बिना पहचान का देश हैं मुसलमान इसे बर्बाद करने पे लगे हुए हैं, हम हिन्दुओ को आपस में लड़वा कर दलित बनाम स्वर्ण खेलने वाले इन गद्दारो को पहचानिये मेरे देश वासियो।।
अव्वल तो दलित और स्वर्ण कुछ हैं ही नही हैं सब एक हैं
सनातन धर्म में ही हमारी जड़े हैं अपनी जड़ो को काट कर कोई पेड़ कब तक जिंदा रह सकता हैं।।
कितनी सारी संस्कृतीयो वाला हमारा प्यारा देश भारत जिसकी विशेषता ही इसकी भिन्न भिन्न संस्कृतिया, अलग पद्धत्तिया, अलग अलग भाषाएँ, अलग रहन _सहन अलग पोशाकें फिर भी सनातन में ये खूबी हैं की आराम से सब रिवायतों को अपनी अपनी आजादी हासिल हैं।।
जरुरत हैं !!इस्लामिक षड्यंत्र!! को समझने की
जो दुनिया के सभी मुसलमानो का एजेंडा हैं इस्लामिक विस्तार , जिसमे भारत के मुस्लमान भी शामिल हैं और इनमे इनको साथ मिलता हैं देश की गद्दार
पार्टियो के गद्दार नेताओं का ।। कोई शक नही कुछ गद्दार हिन्दुओ की वजह से ही देश की ये हालत हैं भाई भाई से लड़ रहा हैं ।। हमारा देश तो पहले ही इस्लामिक आतंक को झेल रहा हैं, देश की प्रतिभाये बाहर जा रही हैं, इतनी गरीबी हैं , कोई टेक्नॉलॉजि का विकास नही हो पा रहा ह।ै
ं मैंने कोई भी अविष्कार नही देखा भारत से जिसका कोई प्रोफेसनल यूज़ हो रहा हो ।।इतनी जरूरी बातो को छोड़ कर दलित स्वर्ण को लेकर् बेकार का झगड़ा हो रहा हैं।।
सड़के नही हैं , बिजली नही हैं, पीने का पानी नही हैं कानून-व्यवस्था भी दुरुस्त नही हैं, शिक्षा के क्षेत्र में भारत पिछड़ा है, 50% बच्चे 5वी क्लास में पढ़ाई छोड़ देते हैं।
उच्च शिक्षा में कोई क्वालिटी नही हैं ।। किसी को कोई सुविधा नही चाहिए क्या ?इन चीजो को लेकर बात चीत होनी चाहिए न??
देश को जरूरत हैं, हमारी !!!हम लड़ रहे हैं।।!!
अगर सब अपने आप को सिर्फ भारतीय मान ले तो ये सारे झगड़े ही खत्म हो जाये।।
हमलोग पहले भारतीय हैं।। सनातन हिन्दू।। यही हैं हमारी असली पहचान ये आप भी मानते हैं।
यही सत्य हैं।।
जय भारत।।
जय सनातन धर्म।।।।
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