Tuesday, July 19, 2016

संघ ने सीएम कैंडिडेट के लिए महंत आदित्यनाथ का नाम सुझाया




संघ ने सीएम कैंडिडेट के लिए महंत आदित्यनाथ का नाम सुझाया



यूपी चुनाव में कांग्रेस के ‘ब्राह्मण कार्ड’ से भाजपा पसोपेश में है। कांग्रेस ने शीला दीक्षित को यूपी विधानसभा चुनाव में सीएम कैंडिडेट बनाकर बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस का चुनावी प्रबंधन संभाल रहे प्रशांत किशोर की इस चाल का जवाब फिलहाल भगवा ब्रिगेड के पास नहीं है। ऐसे में संघ ने भाजपा को सीएम कैंडिडेट के रूप में गोरखपुर के सांसद महंत आदित्यनाथ का नाम सुझाया है।
इसके पीछे संघ का तर्क है कि चुनाव में भाजपा को महंत की कट्टर हिंदूवादी छवि का पूरा लाभ मिलेगा। हालांकि सीएम कैंडिडेट के लिए भगवा खेमे में दो लोगों महंत आदित्यनाथ और वरुण गांधी के नाम पिछले पांच-छह महीने से जोरशोर से चल रहे हैं।
भाजपा सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों इलाहाबाद में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम कैंडिडेट के नाम पर चर्चा होनी थी मगर शीर्ष नेतृत्व ने उस वक्त यह कहकर चर्चा से इनकार कर दिया कि सीएम कैंडिडेट का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।
वरुण गांधी भी हैं दावेदार
बताया जा रहा है कि वरुण समर्थकों के दबाव से उबरने के लिए पार्टी ने सीएम कैंडिडेट के नाम का एलान टाल दिया था। भाजपा के प्रदेश के पूर्व प्रवक्ता अशोक पांडेय कहते हैं, योगी आदित्यनाथ ऐसा नाम है जिसे हर वर्ग का समर्थन हासिल है। वे फायर ब्रांड नेता हैं और संघ के काफी करीब भी हैं। ऐसे में यदि पार्टी उन पर दांव लगाती है तो यूपी चुनाव में निश्चित ही फायदा होगा।
संघ अगड़े वोटरों को सहेजने को लेकर भले ही व्यूहरचना बना रहा हो मगर भाजपाध्यक्ष अमित शाह का पूरा जोर पिछडे़, अति पिछड़े और दलित वोटरों को साथ लाने पर है। यही वजह है कि वे बीते एक साल से यूपी में लगातार दौरा कर रहे हैं।
वे अपने मिशन में काफी हद तक कामयाब भी हुए हैं। कुर्मियों और राजभरों की पार्टी को उन्होंने अपने साथ जोड़ने में कामयाबी पाई है। धीरे-धीरे शाह एनडीए का कुनबा बढ़ा रहे हैं। उन्हीं का प्रयास है कि आज पूर्वांचल के दो बड़ी क्षेत्रीय पार्टियां अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं।

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