Friday, April 15, 2016

लातूर में 200 परिवारों को रोजाना पानी पहुंचाते है अब्दुल मतीन

इऩ दिनों देश के दस राज्य पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं। किसानों के खेत-खलिहान तो दूर यहाँ इंसानों औऱ जानवरों तक के लिए पीने का पानी नहीं है। इसी भयावह सूखे की चपेट में महाराष्ट्र का लातूर जिला भी पूरी तरह पानी-पानी को तरस रहा है। यहाँ लोग कुओँ में चम्मच डालकर पानी निकालने पर विवश है। इस भयावह मंजर में 200 परिवारों की उम्मीद बने अब्दुल मतीन जो रोजाना लोगों के घरों में पानी पहुंचाने का काम कर रहें है।
कहा जाता है कि ऐसे लोगों की वजह से इंसानियत जगह-जगह जिंदा है। अब्दुल मतीन का नाम भी उऩ्हीं लोगों में शुमार किया जाएगा। क्योंकि प्यासे और भूखे का कोई मजहब और घर्म-जाति नहीं होती। उसी तरह अब्दुल मतीन ने भी किसी तरह का भेदभाव नहीं अपनाया। उनके लिए वो 200 परिवार सिर्फ प्यासे है चाहे वह किसी भी मजहब से ताल्लुक रखते हों। अब्दुल मतीन पेशे से शिक्षक है। इंसानियत की खिदमत दिखाने के लिेए बल्कि लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए करते है। जिस कारण उऩकी तारीफ करते हुए लोगों ने उऩको सलाम बोला।
ऐसा बहुत बार देखा गया है। जहाँ चंद लोग पूरे समाज के लोगों के सामने एक ऐसी बेहतरीन मिसाल पेश कर देते है जो तारीफे के काबिल होती है। कभी चेन्नई बाढ़ में फंसे लोगों को मस्जिद में पनाह दी जाती है। तो कभी सांप्रदायिक माहौल में सभी वर्ग एक-दूसरे के साथ उठकर खड़े हो जाते है।

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