कथित दलित चिंतक बसपा नेताओं की असलियत, अम्बेडकर जयंती के नाम पर अश्लील डांस का कार्यक्रम
अम्बेडकर जयंती के नाम पर रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति, अश्लील गानों पर बार बालाओं का नचाया जाए और इस कार्यक्रम में बीएसपी के बड़े-बड़े नेता भी मौजूद हो तो शायद ये ही है कथित दलित चिंतक बसपा नेताओं की असलियत। ये मामला है सीतापुर के महमूदाबाद का, जहां डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती कुछ इस अमानवीय अंदाज़ में मनाई गई।
उल्लेखनीय है कि बीएसपी हमेशा से ही दलितों के हित और अधिकार की बातें किया करती है, मगर हकीकत कुछ और ही है। भीम राव अम्बेडकर की जयंती कार्यक्रम के दौरान महमूदाबाद में बार बालाओं ने जमकर ठुमके लगाए। उससे भी बड़ी बात कि यह सारा कार्यक्रम बाबा साहेब की मूर्ति के सामने ही चल रहा था। अश्लीलता भरे कार्यक्रम में अश्लील गानों पर बार बालाओं का डांस चल रहा था।
इस कार्यक्रम का आयोजन बीएसपी के नेताओं ने किया था। सबसे पहले रात को बाबा साहेब की मूर्ति पर फूल-मालाएं चढ़ाई गईं। इसके बाद नेताओं ने अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलने की कसमें भी खाईं, लेकिन थोड़ी ही देर में कसम वादे फुर्र हो गए। पीछे फिल्मी गीत बजने लगे और अचानक मंच पर बार बालाओं का डांस शुरू हो गया।
बता दें कि यह सब ठीक उसी दिन हो रहा था जब पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं को बताया कि बाबा साहब अम्बेडकर दलितों के भगवान हैं। मायावती ने ये भी कहा था कि दलितों का तीर्थ अयोध्या या काशी नहीं बल्कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर पार्क है।
इस कार्यक्रम का आयोजन बीएसपी के नेताओं ने किया था। सबसे पहले रात को बाबा साहेब की मूर्ति पर फूल-मालाएं चढ़ाई गईं। इसके बाद नेताओं ने अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलने की कसमें भी खाईं, लेकिन थोड़ी ही देर में कसम वादे फुर्र हो गए। पीछे फिल्मी गीत बजने लगे और अचानक मंच पर बार बालाओं का डांस शुरू हो गया।
बता दें कि यह सब ठीक उसी दिन हो रहा था जब पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं को बताया कि बाबा साहब अम्बेडकर दलितों के भगवान हैं। मायावती ने ये भी कहा था कि दलितों का तीर्थ अयोध्या या काशी नहीं बल्कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर पार्क है।
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