Monday, April 25, 2016

30 वर्षों में लोग शाकाहारी नहीं हुये तो धरती पर जल की समस्या बढेगी - रिपोर्ट

दिल्ली : दुनिया की सबसे बड़ी फ़ूड कपंनी नेस्ले ने एक गोपनीय रिपोर्ट में अमरीकी सरकार को सावधान किया है कि अगर आने वाले 30 वर्षों में जनसंख्या का बहुमत शाकाहारी नहीं हुआ तो धरती पर जल की समस्या विकट रूप धारण कर लेगी.


विदेशी खोजी पत्रकार नाथन हालवर्सन ने लीक हुए अमेरिकी केबल का हवाला देते हुए कहा है कि नेस्ले की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है. नेस्ले के मुताबिक 2050 में विश्व की जनसँख्या 9.60 खरब तक पहुँच जाएगी. यदि ये बढ़ती हुई जनसँख्या अपनी डाइट में शाकाहारी भोजन शामिल नहीं करती तो दुनिया में तब पेयजल समाप्त होने की आशंका है.

नेस्ले ने रिपोर्ट में तर्क देते हुए कहा की एक कैलोरी अन्न की तुलना में एक कैलोरी मीट के उत्पादन में दस गुना ज्यादा जल का प्रयोग होता है. यानि मीट उत्पादन में पानी का इस्तेमाल दस गुना ज्यादा हो रहा है. रिपोर्ट में ये बताया गया है कि एक पाउंड मीट के उत्पादन में 1800 गैलन पानी चाहिए. अगर मीट की तुलना में अन्न उत्पादन को विष में 70 प्रतिशत नहीं बढ़ाया गया तो पेयजल की गम्भीर समस्या 2025 से ही शुरू हो जायेगी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पश्चिम अमेरिका और उत्तर भारत, दुनिया के नक़्शे में दो ऐसे इलाके हैं जहाँ पानी का इस्तेमाल लोगों ने ज़रुरत से ज्यादा किया है. 



नेस्ले के मुताबिक औसत अमरीकी नागरिक की रोजाना डाइट 3600 कैलोरी है जिसमे मांस युक्त भोजन अधिक होता है. इस डाइट में शाकाहारी भोजन का अनुपात बढ़ाने की सलाह दी गई है. अगर डाइट में बदलाव नहीं किया गया तो सन 2050 में विश्व में मीट का उत्पादन 4650 लाख टन करना होगा.

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