राष्ट्र विरोधी हिंदू विरोधी कांग्रेस
कर्नल पुरोहित को समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में आरोपी बनाना , फँसाना कोई साधारण बात नही थी.. ये बहुत ही गंभीर मामला था. मालेगाँव और समझौता ब्लॉस्ट में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा का नाम डालकर कांग्रेस ने दूनिया के सामने भगवा आतंकवाद, हिंदू आतंकवाद की थ्यौरी रखी. इशरत के बहाने से तो कांग्रेस 'मोदीजी' को मारना और फिर फँसाना चाहती थी लेकिन भगवा आतंकवाद से वो क्या साबित करना चाहती थी ? मोदीजी को भी किसलिये फँसाना चाहती थी ? क्योंकि वो हिंदूत्व का चेहरा बनकर उभरे थे.यहाँ कांग्रेस को छोड़कर पहले पाकिस्तान की बात करें. इशरत को 'लश्कर ए तैय्यबा' ने भेजा था और समझौता एक्सप्रेस में भी एलईटी ने ही ब्लॉस्ट करवाये .. क्यूं ? क्यूंकि निशाने पर हिंदूओं के नेता मोदीजी और हिंदूत्व था. इशरत गैंग अपना काम कर नही पायी लेकिन समझौता एक्सप्रेस का काम पुरी तरह हो गया.
यहाँ ये मत सोचों कि पाकिस्तान अपने नागरिकों को क्यूं मारेगा ? जब बांग्लादेश में लाखों पाकिस्तानी, बलूच में हजारों बलूची, कब्जे वाले कश्मीर में हजारों कश्मीरीयों को जो सारे पाकिस्तानी नागरिक ही थे.. पाकिस्तान मार सकता है, तो अंतराष्ट्रिय स्तर पर भारत को बदनाम करने और अपने आतंकवाद को जस्टिफाई करने के लिये भारत के 'हिंदू आतंकवाद' का हौव्वा खड़ा करने के लिये क्या अपने ५०-१०० नागरिकों नही मार सकता. उसने मारा और कांग्रेस ने एनआईए पर दबाव डालकर पाकिस्तान का पुरा साथ दिया. कर्नल पुरोहित को फँसा दिया गया. हिंदू आतंकवाद की थ्यौरी इंन्ट्रोड्यूस कर दी गयी.
फिर उसके बाद पाकिस्तान ने क्या किया.. पता ही होगा. २६/११ मुंबई हमलें से लेकर हर आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान ने हमेशा समझौता एक्सप्रेस और कर्नल पुरोहित का नाम लिया है. भारत ने आतंकवादीयों की लिस्ट पाकिस्तान को दी तो उसने बदलें में कर्नल पुरोहित को माँगा. पुरी दूनिया में प्रचारित कर दिया गया कि हिंदू आतंकवाद भी है.जबकि एैसा कुछ था ही नही और ये किया किसने ? पाकिस्तान को मदद किसने की ? कांग्रेस ने. दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं ने सोनिया गाँधी के ईशारे पर..जिनके मुंबई एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे से संबंध जगजाहिर है. उन्ही करकरे ने साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को यातनायें दी, उन्हें सबकुछ कबुलने पर मजबूर करने की कोशिश की. कांग्रेस ने इन्हें जमानत तक नही लेने दी.
आज जब एनआईए ने कर्नल पुरोहित को क्लिनचिट दी है तो कांग्रेस बेनकाब हो गई है.
इशरत मामले की परतें खुलना, समझौता एक्सप्रेस और मालेगाँव ब्लॉस्ट की सुनवाई में तेजी आना, कर्नल पुरोहित की पुरी जाँचकर क्लिन चिट मिलना, स्वामीजी का नेशनल हैराल्ड केस में राजमाता और यूवराज को अदालत तक जाने पर मजबूर करना, राबर्ट वाड्रा का बौखलाकर इंटरव्यू देना, हरियाणा सरकार का वाड्रा मामलें में जाँच में तेजी लाना.. आप क्या सोच रहे हो, ये सब अपनेआप हो रहा है. सरकार ठोक-बजाकर कदम दर कदम आगे बढ़ रही है ताकि किसी दोषी के बचने का रास्ता ना रहें. अभी तो तीन साल बाकि है. गुजरात में जहाँ ४५ साल तक कांग्रेस का एकछत्र राज्य था..वहाँ के ४.५ कांग्रेसी नेताओं के नाम याद है आपको ? नही.. बस वही केन्द्र में भी होना है. जड़ से सफाई में वक्त तो लगता ही है...
आपको अच्छे दिन चाहिये थे ना तो देख लो.. हिंदू धर्म को बदनाम कर, देश को बदनाम कर जो बुरे दिन कांग्रेस लायी थी..वो बुरे दिन अब वापस जा रहे है. बुराई खत्म होगी तो बचेगा क्या.. अच्छाई !! यही तो है अच्छे दिन. अभी बहुत कुछ बाकि है सब्र रखों...
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