समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट और मालेगांव ब्लास्ट में आरोपित कर्नल पुरोहित की, आरोप लगने से पहले की जो कहानी है, वह यह विश्वास दिला रही है की कर्नल पुरोहित को इन काण्डों में जांनबुझ कर आरोपित किया गया है। उनको कुछ छुपाने के लिए, भारतीय राजिनैतिक के साथ सुरक्षा तन्त्र ने फंसाया है।
2009 में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने बांग्लादेश के 'जमात उल मुजाहिदीन' द्वारा भारत में 'बर्दवान मोड्यूल' स्थापित करके उसके प्रसार होने के सम्बन्ध में कई अलर्टस, चेतवनियां जारी किये थे। लेकिन यहां यह आश्चर्य की बात यह है की इस 'बर्दवान मोड्यूल' की सबसे पहले जानकारी कर्नल पुरोहित, जो मिलेट्री इंटेलिजेंस में थे, ने ही 2007 में दी थी। उन्होंने 'बर्दवान मोड्यूल' पर काम किया था और उससे भारत की सुरक्षा को होने वाले खतरे से चेताया भी था। हालाँकि बांग्लादेश, जिसने 'जमात उल मुजाहिदीन' को बांग्लादेश में प्रतिबंधित किया हुआ था, उसका मानना था की जमात, भारत में बेस बनाकर उनके प्रधानमन्त्री हसीना शेख के खिलाफ षडयंत्र कर रहा है।
कर्नल पुरोहित ने जनवरी 2007 को पत्र संख्या 106/LU/G लिखा था जिसमें उन्होंने 'जमात उल मुजाहिदीन' बांग्लादेश का 'जमात ए इस्लामी' की सहायता से पश्चिम बंगाल में योजनाबद्ध तरीके से बसने की बात कही थी। अपने पत्र में उन्होंने इनके और भारत के 'सिमी' के बीच हुए गठजोड़ की बात भी सामने रखी थी। इसके साथ यह अगाह भी किया था की यह लोग जहाँ भारत के अंदर हथियार और विस्फोटक सामग्री ले आने और जाने के काम में लिप्त है वहीं यह कट्टरपंथी भारत के भिन्न भिन्न शहरो में 'सिमी' के लिए मोड्यूल की स्थापना में भी सहायता कर रहे है।
कर्नल पुरोहित ने अपनी रिपोर्ट यह भी बताया था की बांग्लादेश के मुल्ला मौलवी भारतीय मुस्लिम युवको को धार्मिक रूप से जिहाद के लिए भड़क रहे है और प्रलोभन दे कर विभिन्न शहरो से, विशेष रूप से पूना और बंगलोर से मुस्लिम युवको कोअपने उद्देश्य के लिए भर्ती कर रहे है।
ऊपर का पत्र, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर महत्वपूर्ण है। जो अब बात सामने आरही है की पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी को इस विस्फोट के पीछे एक पाकिस्तानी नागरिक और 'सिमी' के सदस्यों के विरुद्ध स्पष्ट सबूत मिल गए थे और उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। यह बात साफ इशारा कर रही है की जहाँ, पिछली सरकार की मंशा 'हिन्दू आतंकवाद' को प्रचारित करना था वहीं यूपीए सरकार का मकसद 'सिमी' सहित पाकिस्तान के आतंकवादी को बचाना भी था। कर्नल पुरोहित 'सिमी' की गतिविधियों पर नज़र रक्खे हुए थे इसलिए पूरा सन्देह है की 'सिमी' से सहानभूति रखने वालों के इशारे पर कर्नल पुरोहित को इस विस्फोट में फंसाया गया था।
मेरा पूर्ण विश्वास होता जा रहा है की पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और 'सिमी' के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में कही सीधे तार जुड़े हुए है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में उनके लिए काम करने वाले लोग भी है जो पाकिस्तानी हितो की रक्षा के लिए पाकिस्तान और वहां से आये आतंकवादियों को बचाते है। यहां यह याद रखने वाली बात है की 'सिमी' के पक्ष में विभिन्न सेकुलर राजिनैतिक दल के नेता परोक्ष रूप से मुस्लिम वोट के लिए बोलते रहे है।
इस सबको देख कर यही लग रहा है की भारत के कई राजिनैतिक दलो के नेता निश्चित रूप से आतंकवादियों और पाकिस्तान की ISI के हितो लिए काम कर रहे है।
2009 में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने बांग्लादेश के 'जमात उल मुजाहिदीन' द्वारा भारत में 'बर्दवान मोड्यूल' स्थापित करके उसके प्रसार होने के सम्बन्ध में कई अलर्टस, चेतवनियां जारी किये थे। लेकिन यहां यह आश्चर्य की बात यह है की इस 'बर्दवान मोड्यूल' की सबसे पहले जानकारी कर्नल पुरोहित, जो मिलेट्री इंटेलिजेंस में थे, ने ही 2007 में दी थी। उन्होंने 'बर्दवान मोड्यूल' पर काम किया था और उससे भारत की सुरक्षा को होने वाले खतरे से चेताया भी था। हालाँकि बांग्लादेश, जिसने 'जमात उल मुजाहिदीन' को बांग्लादेश में प्रतिबंधित किया हुआ था, उसका मानना था की जमात, भारत में बेस बनाकर उनके प्रधानमन्त्री हसीना शेख के खिलाफ षडयंत्र कर रहा है।
कर्नल पुरोहित ने जनवरी 2007 को पत्र संख्या 106/LU/G लिखा था जिसमें उन्होंने 'जमात उल मुजाहिदीन' बांग्लादेश का 'जमात ए इस्लामी' की सहायता से पश्चिम बंगाल में योजनाबद्ध तरीके से बसने की बात कही थी। अपने पत्र में उन्होंने इनके और भारत के 'सिमी' के बीच हुए गठजोड़ की बात भी सामने रखी थी। इसके साथ यह अगाह भी किया था की यह लोग जहाँ भारत के अंदर हथियार और विस्फोटक सामग्री ले आने और जाने के काम में लिप्त है वहीं यह कट्टरपंथी भारत के भिन्न भिन्न शहरो में 'सिमी' के लिए मोड्यूल की स्थापना में भी सहायता कर रहे है।
कर्नल पुरोहित ने अपनी रिपोर्ट यह भी बताया था की बांग्लादेश के मुल्ला मौलवी भारतीय मुस्लिम युवको को धार्मिक रूप से जिहाद के लिए भड़क रहे है और प्रलोभन दे कर विभिन्न शहरो से, विशेष रूप से पूना और बंगलोर से मुस्लिम युवको कोअपने उद्देश्य के लिए भर्ती कर रहे है।
ऊपर का पत्र, समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर महत्वपूर्ण है। जो अब बात सामने आरही है की पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी को इस विस्फोट के पीछे एक पाकिस्तानी नागरिक और 'सिमी' के सदस्यों के विरुद्ध स्पष्ट सबूत मिल गए थे और उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। यह बात साफ इशारा कर रही है की जहाँ, पिछली सरकार की मंशा 'हिन्दू आतंकवाद' को प्रचारित करना था वहीं यूपीए सरकार का मकसद 'सिमी' सहित पाकिस्तान के आतंकवादी को बचाना भी था। कर्नल पुरोहित 'सिमी' की गतिविधियों पर नज़र रक्खे हुए थे इसलिए पूरा सन्देह है की 'सिमी' से सहानभूति रखने वालों के इशारे पर कर्नल पुरोहित को इस विस्फोट में फंसाया गया था।
मेरा पूर्ण विश्वास होता जा रहा है की पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और 'सिमी' के कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में कही सीधे तार जुड़े हुए है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में उनके लिए काम करने वाले लोग भी है जो पाकिस्तानी हितो की रक्षा के लिए पाकिस्तान और वहां से आये आतंकवादियों को बचाते है। यहां यह याद रखने वाली बात है की 'सिमी' के पक्ष में विभिन्न सेकुलर राजिनैतिक दल के नेता परोक्ष रूप से मुस्लिम वोट के लिए बोलते रहे है।
इस सबको देख कर यही लग रहा है की भारत के कई राजिनैतिक दलो के नेता निश्चित रूप से आतंकवादियों और पाकिस्तान की ISI के हितो लिए काम कर रहे है।
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