उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए न्याय का गला घोटने वाले नैनीताल हाईकोर्ट जे जज के.एम. जोसेफ का काला इतिहास ....
के. एम. जोसेफ के पिता के के मैथ्यू थे .. के के मैथ्यू को इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी के दौरान बिना किसी प्रक्रिया के बैक डोर से सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था ..
जबकि के के मैथ्यू केरल में कांग्रेस के बड़े नेता थे .. वो कांग्रेस और इंदिरा गाँधी के कितने बड़े चमचे थे उसका जीता जागता उदाहरण है की जब वो रिटायर हुए तब इंदिरा गाँधी ने उन्हें प्रेस कमिशन ऑफ़ इण्डिया का चेयरमैन बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया था ..
बाद में उन्हें ला कमिशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया ... ला कमिशन का भारत के न्यायपालिका का सबसे बड़ा ताकत का केंद्र है ..
के एम जोसेफ को कांग्रेस ने केरल में मात्र इसलिए जज बनाया था ताकि वो केरल की महाभ्रष्ट कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के तमाम मामलो से बचा सके.और उन्होंने ये किया भी ...
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है की पामोलीन आयत घोटाले में तमाम सुबूतो के बावजूद भी उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चंडी को क्लीनचिट दी थी ..जबकि तमाम सुबूत थे जो साबित करते थे की ओमान चंडी ने उस फर्म से 15% घूस ली थी ... हलांकि उनके इस निर्णय को बाद में बड़ी बेंच ने बदल दिया था ..
इतना ही नही इन्होने केरल के सोलर घोटाले में जांच की मांग करती एक याचिका को ये कहकर ठुकरा दिया था की सोलर केस में कोई घोटाला हुआ ही नही है इसलिए जाँच की जरूरत नही है .. जबकि बाद में सुप्रीमकोर्ट ने जब जांच के आदेश दिए तो साबित हुआ की ओमान चंडी ने सोलर कम्पनी से न सिर्फ करोड़ो रूपये घूस ली थी बल्कि उस कम्पनी की एक एम्लाई सरिता के साथ वो कई बार हमबिस्तर भी हुए थे ..इस केस में भी पुलिस ने कई लोगो को गिरफ्तार किया ...
बाद में जब केरल में जोसेफ का पाप इतना बढ़ गया और ये साबित हो गया की इनके अंदर का कांग्रेसीपन अब जगजाहिर हो गया है तो कांग्रेस ने इनको इनकी "सेवाओ" का ईनाम देते हुए इन्हें नैनीताल हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया .. जबकि ये सीधे सीधे नियमो के खिलाफ था ...
इन्हें मात्र १० सालो के अनुभव पर ही सीधे किसी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस कैसे बनाया जा सकता है ?
इतना ही नही एक वकील से उपहार के तौर पर फ्रिज लेने के आरोप इनके उपर साबित होने पर इनके उपर जुरमाना भी लगा था ..
खैर ...
कांग्रेस ने न्यायपालिका में चुन चुनकर कांग्रेसियो को भर दिया है ..
जिसकी सफाई करने में अभी भी १० साल लग जायेंगे डिस्क्लेमर :-
मुझे पता है की भारत में सम्विधान में जजो को भगवान से भी बड़ा दर्जा मिला है ... आप भगवान पर सवाल उठा सकते है लेकिन जजों पर सवाल उठा नही सकते ... ये जज खुद को इन्सान नही मानते .. ये सभी मानवीय कमजोरी जैसे "काम यानी, क्रोध, मद, लोभ" आदि से परे होते है .. ये हम इंसानों की तरह खाना नही खाते .. काम नही करते .. बल्कि इनके अंदर दैवीय शक्तियाँ होती है ... ये जैसे ही अपनी पत्नी को टच करते है इनकी पत्नियाँ गर्भवती हो जाती है .. जजों के अंदर लालच भी नही होता .. मै ये जानते हुए की भारत में आप न्यायपालिका के फैसले पर सवाल उठा नही सकते मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर ये लिखा है क्योकि सच को कहना या लिखना मेरे आत्मा के अनुसार कोई अपराध नही है ...
के. एम. जोसेफ के पिता के के मैथ्यू थे .. के के मैथ्यू को इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी के दौरान बिना किसी प्रक्रिया के बैक डोर से सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था ..
जबकि के के मैथ्यू केरल में कांग्रेस के बड़े नेता थे .. वो कांग्रेस और इंदिरा गाँधी के कितने बड़े चमचे थे उसका जीता जागता उदाहरण है की जब वो रिटायर हुए तब इंदिरा गाँधी ने उन्हें प्रेस कमिशन ऑफ़ इण्डिया का चेयरमैन बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया था ..
बाद में उन्हें ला कमिशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया ... ला कमिशन का भारत के न्यायपालिका का सबसे बड़ा ताकत का केंद्र है ..
के एम जोसेफ को कांग्रेस ने केरल में मात्र इसलिए जज बनाया था ताकि वो केरल की महाभ्रष्ट कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के तमाम मामलो से बचा सके.और उन्होंने ये किया भी ...
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है की पामोलीन आयत घोटाले में तमाम सुबूतो के बावजूद भी उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री ओमान चंडी को क्लीनचिट दी थी ..जबकि तमाम सुबूत थे जो साबित करते थे की ओमान चंडी ने उस फर्म से 15% घूस ली थी ... हलांकि उनके इस निर्णय को बाद में बड़ी बेंच ने बदल दिया था ..
इतना ही नही इन्होने केरल के सोलर घोटाले में जांच की मांग करती एक याचिका को ये कहकर ठुकरा दिया था की सोलर केस में कोई घोटाला हुआ ही नही है इसलिए जाँच की जरूरत नही है .. जबकि बाद में सुप्रीमकोर्ट ने जब जांच के आदेश दिए तो साबित हुआ की ओमान चंडी ने सोलर कम्पनी से न सिर्फ करोड़ो रूपये घूस ली थी बल्कि उस कम्पनी की एक एम्लाई सरिता के साथ वो कई बार हमबिस्तर भी हुए थे ..इस केस में भी पुलिस ने कई लोगो को गिरफ्तार किया ...
बाद में जब केरल में जोसेफ का पाप इतना बढ़ गया और ये साबित हो गया की इनके अंदर का कांग्रेसीपन अब जगजाहिर हो गया है तो कांग्रेस ने इनको इनकी "सेवाओ" का ईनाम देते हुए इन्हें नैनीताल हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बना दिया .. जबकि ये सीधे सीधे नियमो के खिलाफ था ...
इन्हें मात्र १० सालो के अनुभव पर ही सीधे किसी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस कैसे बनाया जा सकता है ?
इतना ही नही एक वकील से उपहार के तौर पर फ्रिज लेने के आरोप इनके उपर साबित होने पर इनके उपर जुरमाना भी लगा था ..
खैर ...
कांग्रेस ने न्यायपालिका में चुन चुनकर कांग्रेसियो को भर दिया है ..
जिसकी सफाई करने में अभी भी १० साल लग जायेंगे डिस्क्लेमर :-
मुझे पता है की भारत में सम्विधान में जजो को भगवान से भी बड़ा दर्जा मिला है ... आप भगवान पर सवाल उठा सकते है लेकिन जजों पर सवाल उठा नही सकते ... ये जज खुद को इन्सान नही मानते .. ये सभी मानवीय कमजोरी जैसे "काम यानी, क्रोध, मद, लोभ" आदि से परे होते है .. ये हम इंसानों की तरह खाना नही खाते .. काम नही करते .. बल्कि इनके अंदर दैवीय शक्तियाँ होती है ... ये जैसे ही अपनी पत्नी को टच करते है इनकी पत्नियाँ गर्भवती हो जाती है .. जजों के अंदर लालच भी नही होता .. मै ये जानते हुए की भारत में आप न्यायपालिका के फैसले पर सवाल उठा नही सकते मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर ये लिखा है क्योकि सच को कहना या लिखना मेरे आत्मा के अनुसार कोई अपराध नही है ...
कोंग्रेस का इतिहास बड़ा ही घिनोना रहा है, घिन आती है,ये लोग बड़े ही चालबाज थे,इन्होने भारत की भोली जनता को कई दशकों तक छला तथा गुमराह किया है,इन्होने दिल खोलकर भ्रष्टाचार,गबन,लूटपाट की है वो भी बिना किसी भय के क्यों की सारा प्रशासनिक ढांचा इन्होने इस तरह बुना है की इन पर कोई आंच नहीं आ सकती,न्यायपालिका में अपने एजेन्ट नियुक्त किये हुए है जो हर समय नमक अदा करते रहते है, ये तो साक्षात् ईश्वर की कोई कृपा ही हो गई की सत्ता परिवर्तन हो गया और गद्दारों की जगह राष्ट्र वादियों की सरकार बन गई, नहीं तो इनके काले कारनामे कभी उजागर ही नहीं होते, अब जरूरत है भारत की जनता को समूल सफाई करने की,सिस्टम में अभी बहुत कचरा भरा पड़ा है,जनता को एक होकर सम्पूर्ण भारत में राष्ट्र वादियों की सरकार बनानी पड़ेगी.पंचायत से लेकर हर स्थान पर देश भक्तो की आवश्यकता है तभी सही मायने में स्वच्छ भारत का मिशन कामयाब होगा ........जय माँ भारती,वंदेमातरम् |
ReplyDeleteकांग्रेस का इतिहास गंदा है और वह इतिहास को भी गंदा कर रहा है
ReplyDeleteइतिहास तो अब सभी का घिनौना नज़र आता है भाजपा और कांग्रेस की नूराकुश्ती में उत्तराखंड का विकास बाधित हो रहा है इसकी चिंता किसी को भी नहीं चिंता है तो सिर्फ कुर्सी कैसे पायी जाय ....बेशर्म राजनीति का आखिर कब होगा अंत
ReplyDeleteये तो पहले सोचना चाहिये था
DeleteUK की जनता को विकास चाहिये था तो Congress को क्यो चुना...?
निशंक की निरंकुशता केय सामने हरिश रावत जज्यादा बेहतर लगे लोगों को , पर लोग भूल गये कि है तो आखिर इटालियन माता का गुलाम , मेजर जनरल खंडूरी सबसे उपयुक्त नाम है वहां के मुख्यमंत्री पद के लिये ।
Deleteउत्तराखंड में हो रहे धर्म परिवर्तन में भी इस जैसे कई लोगों की संलिप्तता हो सकती है ,और रही बात सरकार की तो मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूरी से बेहतर कोई दूसरा ऑप्शन नही है उत्तराखंड के पास ।
ReplyDelete69 साल के स्वतंत्र भारत के इतिहास में कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए कई लोगों को न्यायपालिका में इसीलिए appoint किया कि वे कांग्रेस के वफादार थे । स्तिथी को सुधारने के लिए मोदी के Njac कानून को भी sc ने निरस्त कर दिया । देश को तरक्की के राह पर आगे बढ़ने और इस तरह की रूकावटों को दूर करने का एक ही रास्ता है - मोदी को अगली बार दो तिहाई बहुमत पार्लियामेंट में दिलाना । रास्तालम्बा और कठिन है पर दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है ।
ReplyDeleteबड़ा दुःख हॆ न्यायपालिका में ऎसे भृष्ट,बिगड़े,संस्कारहीन,अदने से व्यक्ति को दिनो दिन उत्तरोत्तर उन्नति मिल जाना ऒर कुछ भी बकने के अधिकार पा जाना ।
ReplyDeleteधिक्कार ऎसी व्यवस्था ऒर व्यवस्थापको को