आये दिन कही न कही नक्सली घात लगाकर हमारे जवानो को शहीद कर देते है..?
सरकारे क्या केवल शो पीस है बार बार ऐसी कायरता का जबाव नही दे पा रही अपने ही देश के अंदर कुछ लोगो की सह पर पल बढ रहे नक्सली आये दिन हमारी सेना को नुकसान पहुचा रहे है..?
जब हमारी सेना दूसरे देश की सीमा पर जाकर दुश्मन को मार सकती है तो इन कायर और देशद्रोहियो का सफाया भी कर सकती है..? फिर सरकार चाहे केंद्र हो या राज्य के दो बोल से सांत्वना देती और श्रद्धांजली के बाद फिर वैसे ही चलने लगता है..?
आज कई सालो से नक्सलियो का कहर जारी है अगर सेना चाहे तो महज एक पखवाडे मे ही इनका सफाया हो सकता है पर इससे पहले उन्हे समाॉप्त करना होगा जो सफेद पोस या गद्दार इनको उकसाते है और मदद करते है..?
किंतु सरकार के लोग केवल राजनीति और वोट बैंक के लिए नक्सल पर मौन और ठोस व कारगर कार्यवाही नही करती..?
हर पांच साल मे सरकार बदलती है पर हालात पहले से भी बद्तर होते जा रहे है..? सेना को खुली छूट देकर देखे रक्षामंत्री न नक्सली होगे न उसके सहयोगी..?
सीमा पार के दुश्मन से तो आसानी से पार पाया जा सकता है पर अंदर के दुश्मन और गद्दारो उनसे भी ज्यादा खतरनाक और कायर होते है जो पीठ पर वार करते है..?
एक गद्दार और जातिवाद पर किसी के मारे जाने पर कुछ माननीय बडे जोर शोर से कांव कांव करते है पर अब जबकि हमारे देश के जवान शहीद होत है तो उन सबकी बोलती बंद है अ क्यो नही दबाव बनाते है सरकार पर कि नक्सलियो का सफाया करवाये सरकार..?
राजनीति करे पर वोट और कुर्सी के लिए देश की सुरक्षा और जवानो की जान का सौदा न करे..? बार बार हमले के बाद भी सरकार के लोग नही चेत रहे है और जवानो को अपनी जान देकर सरकार के मौन और लापरवाही की कीमत चुकानी पड रही है..?
जो लोग देश और जवानो के लिए नुकसानदायक हो उन पर आरपार की कार्यवाही होनी चाहिए न कि उन पर रहम और वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनानी चाहिए..?
मेरी सरकार से विनंती है कि जवानो के जान की रक्षा करे और नक्सलियो से या तो बात कर उनकी मंshaa जो जाने यदि देश हित मे है और उचित है तो शांति स्थापित कराये या अनुचित मांग हो जो देश के लिए घातक हो तो फिर समय देकर सुधरने का वक्त दे या आर पार की कार्यवाही से देश और जवानो की सुरक्षा निश्चित करे..?
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