Sunday, April 10, 2016

बंद दुकानों के अंदर चल रहा सर्राफा कारोबारियों का आभूषण निर्माण कार्य

सर्राफा प्रदेश यूनियन के निर्देशों के बावजूद श्रीनगर गढ़वाल में दो दिनों तक अपनी दुकानें खोलकर जमके माल बेचने वाले सर्राफा कारोबारियों ने आखिरकार यूनियन के दबाव में अपनी दुकानें एक बार फिर बंद कर ली हैं.

हालांकि सर्राफा कारोबारियों ने दिखावे के लिए तो दुकानें बंद की हुई हैं, लेकिन दुकानों के अंदर ग्राहकों की डिमांड पर गहने बनाए जा रहे हैं. फोटो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे सर्राफा कारोबारी प्रदेश यूनियन के आदेशों को ताक पर रख अपने कारीगरों से गहनों का निर्माण कार्य करवा रहे हैं.
दरअसल, पिछले एक माह से अधिक के समय से सोने-चांदी पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गई एक्साइज ड्यूटी के खिलाफ सर्राफा व्यापारी पूरे प्रदेश में अपनी दुकानों को बंद किए हुए हैं. लंबे समय से दुकानें बंद होने और कार्यरत मजदूरों के वेतन देने से सर्राफा कारोबारियों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति से वे दबाव में हैं.
शादियों और अन्य समारोहों के लिए गहनों की मांग और ग्राहकों की जिद व गुस्से के साथ यूनियन का दबाव भी सर्राफा कारोबारियों के लिए मुसीबत बन गया है. यही कारण है कि इन सब चीजों में तालमेल बनाते हुए कई सर्राफा कारोबारी चुपचाप ग्राहकों की मांग पर गहनों के निर्माण का सौदा कर बंद दुकानों के बावजूद व्यवसाय जारी रखे हुए हैं.
पिछले एक माह से नगर में दुकानें बंद किए होने से परेशान सर्राफा कारोबारियों ने दो दिन पूर्व दुकानें खोल ली थी, लेकिन अचानक प्रदेश यूनियन की डांट के दबाव में आखिरकार दो दिन बाद ही उन्हें अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी. हालांकि छोटे सर्राफा कारोबारी तो दुकानें खोलना चाहते हैं, लेकिन बड़े कारोबारियों के डर से मजबूरी में वे अपनी दुकानें बंद किए हुए हैं.
नगर सर्राफा यूनियन के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश यूनियन से तालमेल बिगड़ने के चलते नगर की सर्राफा दुकानें खुली थीं, लेकिन यूनियन के मिले नए आदेशों के बाद फिर से दुकानें बंद कर दी गई हैं. उनका कहना है कि जब तक केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी खत्म नहीं करती तब तक उनकी दुकानें बंद रहेंगी.

जब बंद सर्राफा दुकानों के अंदर आभूषण निर्माण कार्य के बारे में उनसे पूछा गया तो उनका कहना है कि अगर किसी ग्राहक के दबाव में कोई एक कारीगर काम कर रहा होगा तो उसकी उन्हें जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये से नुकसान कारोबारियों का भी हो रहा है और ग्राहकों का भी.

No comments:

Post a Comment