Wednesday, August 31, 2016

15 अगस्‍त 2017 को बलूचिस्‍तान में लहराएगा तिरंगा ! जानिए मोदी को मिला किसका साथ ?

15 अगस्‍त 2017 को बलूचिस्‍तान में लहराएगा तिरंगा ! जानिए मोदी को मिला किसका साथ ?












बलूचिस्‍तान की आजादी को लेकर मोदी सरकार को कई ऐसे देशों का साथ मिलता नजर आ रहा है जो यहां पर चीन के प्रभुत्‍व को पसंद नहीं करते हैं।

New Delhi Aug 27 : बलूचिस्‍तान के अच्‍छे दिन आने वाले हैं। बलूचिस्‍तान आजाद होने वाला है। वो दिन दूर नहीं जब आप बलूचिस्‍तान में तिरंगा फहराते हुए लोगों को देख सकेंगे। हालांकि बलूचिस्‍तान में अभी भी तिरंगा लहराया जा रहा है, मोदी-मोदी के नारे लगाए जा रहे हैं। लेकिन, इस वक्‍त वो गुलाम है। उसे आजादी की दरकार है। बलूचिस्‍तान की आजादी का प्‍लॉन तैयार हो रहा है। भारत के इस प्‍लान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ और देशों का भी साथ मिलता नजर आ रहा है।

अगर भारत अकेले अपने दम पर चाहे तो भी वो बलूचिस्‍तान को पाकिस्‍तान के कब्‍जे से आजाद करा सकता है। लेकिन, अंतरराष्‍ट्रीय मसलों पर हमेशा विदेश नीति और इंटरनेशलनल पॉलिसी को ध्‍यान में रखकर ही सारे कदम उठाए जाते हैं। इन्‍हीं सारी नीतियों को ध्‍यान में रखकर भारत बलूचिस्‍तान की आजादी के लिए ऑपरेशन में जुट गया है। मोदी सरकार के इस प्‍लॉन में उसे ना सिर्फ अमेरिका का समर्थन मिल रहा है बल्कि अफगानिस्‍तान और इरान भी भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। 
लाइक करें हमारा फेसबुक पेज



सामरिक दृष्टि से बलूचिस्‍तान पाकिस्‍तान के लिए भी महत्‍वपूर्ण है। चीन के लिए भी जरुरी है। अफगानिस्‍तान और ईरान के लिए भी जरुरी है। पाकिस्‍तान और चीन की खूब बनती है। जबकि पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच 36 का आंकड़ा है। उधर, अफगानिस्‍तान और इरान की नहीं पटती है। इन सारे पड़ोसी देशों की हालत ऐसी है कि ये एक दूसरे को पसंद नहीं करते। लेकिन, केंद्र में मोदी की सरकार के आने के बाद भारत की विदेश नीति में गजब का परिवर्तन आया है। बेशक अफगानिस्‍तान और इरान की आपस में ना बनती हो लेकिन, भारत के लिए दोनों हाजिर हैं।

भारत और चीन के रिश्‍ते कितने मधुर है। ये बात ना तो बताने लायक है और ना ही छुपाने लायक। चीन की हालत उस जख्‍मी सांप की तरह है जो कभी भी अपने फन फैला सकता है। भारत को हमेशा इस बात का अंदाजा रहता है। पाकिस्‍तान हमेशा से भारत के खिलाफ षणयंत्रों में ही शामिल रहा है। ऐसे में चीन और पाकिस्‍तान को सबक सिखाने के लिए मोदी सरकार ने बलूचिस्‍तान को आजाद कराने का फैसला कर दिया है। जिसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा।


दरअसल, बलूचिस्‍तान की अगर आप भौगोलिक स्थिति देखें तो उसकी एक सीमा अफगानिस्‍तान से सटती है। तो दूसरी सीमा इरान से जबकि तीसरी ओर पर अरब सागर है। चीन यहां पर पाकिस्‍तान के जरिए अपना प्रभुत्‍व बढ़ाना चाहता है। जबकि यहां के लोगों को ये बात नागवार गुजर रही है। बलूचिस्‍तान में चीन का बढ़ता दबदबा भारत के लिए भी काफी खतरनाक है। जबकि यहां के कुछ बार्डर इलाकों पर तालिबानी आतंकियों का दबदबा है।

अमेरिका इन तालिबानी आतंकियों को मारने के लिए पाकिस्‍तान को सैन्‍य मदद पहुंचता है। लेकिन, पाकिस्‍तान के नकारापन की वजह से अमेरिका पाकिस्‍तान को दी जाने वाली सैन्‍य मदद रोक चुका है। अभी हाल ही में ये भी खुलासा हुआ कि काबुल में अमेरिकी यूनिवर्सिटी में जो आतंकी हमला हुआ था उसकी साजिश भी पाकिस्‍तान में ही रची गई थी। पाकिस्‍तान की इस करतूत से अफगानिस्‍तान और अमेरिका दोनों उससे काफी खफा हैं।

ऐसे में सूत्र बताते हैं क‍ि बलूचिस्‍तान की आजादी के लिए अमेरिका और अफगानिस्‍तान भारत के साथ खड़े हैं। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफगानिस्‍तान और ईरान की विदेश यात्रा का भी असर यहां पर देखने को मिल रहा है। कई मामलों को लेकर भारत-अफगानिस्‍तान और ईरान में त्रिपक्षीय समझौते हो चुके हैं। भारत को उम्‍मीद है कि बलूचिस्‍तान की आजादी में उसे ईरान का भी पूरा साथ मिलेगा। अगर मोदी सरकार का ये प्‍लॉन हिट हुआ तो यकीनन पाकिस्‍तान और चीन को सबसे बड़ा नुकसान होगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मार्क टोनर भी इशारों ही इशारों में बता चुके हैं कि बलूचिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर पर अमेरिका का क्‍या रुख है। अमेरिका के समर्थन वाली अफगानिस्‍तान की अशरफ गनी सरकार को भी मालूम है कि उसका फायदा भारत और अमेरिका के साथ मिलकर रहने में ही है। ईरान भी चाहता है कि बलूचिस्‍तान से चीन का दबदबा खत्‍म हो। ऐसे में ये सारे देश बलूचिस्‍तान की आजादी के लिए भारत के साथ हैं। उम्‍मीद कीजिए कि बलूचिस्‍तान जल्‍द आजाद हो।

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

मोदी सिर्फ बलूचिस्‍तान के जरिए बरबाद कर देंगे चीन और पाकिस्‍तान को, जानिए कैसे ?



मोदी सिर्फ बलूचिस्‍तान के जरिए बरबाद कर देंगे चीन और पाकिस्‍तान को, जानिए कैसे ?



मोदी के बलूचिस्‍तान नारे से ना सिर्फ पाकिस्‍तान तिलमिलाया है बल्कि चीन भी बौरा गया है। मोदी ने बलूचिस्‍तान की आजादी को हवा देकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं।

New Delhi Aug 20 : पहले एक नारा चलता था हिंदी-चीनी भाई-भाई। हिंदुस्‍तान ने कभी भी चीन को ये एहसास नहीं होने दिया कि हम उसके भाई नहीं हैं। लेकिन, इसके उलट चीन हमेशा से देश के खिलाफ खुराफात करता रहा है। वो हमेशा इस कोशिश में रहा है कि किसी भी सूरत में भारत चीन से ज्‍यादा ताकतवर ना बन पाए। लेकिन, अब सरकार बदलने के साथ-साथ हालात भी बदल गए हैं। चीन का पाला इस बार देश के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पड़ा है। लाइक करें हमारा फेसबुक पेज

मोदी के बलूचिस्‍तान नारे से ना सिर्फ पाकिस्‍तान तिलमिलाया घूम रहा है बल्कि चीन भी बौरा गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्‍तान की आजादी को हवा देकर एक तीर से दो निशाने साध दिए हैं। मोदी के इस कदम से पाकिस्‍तान और चीन दोनों ही सकते में हैं। पिछले कुछ सालों से बलूचिस्‍तान के गिलगिट और बाल्टिस्‍तान में चीन की पैठ बढ़ती जा रही है। चीन इस इलाके को अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल करना चाहता है। ताकि वो भारत पर दवाब बना सके।

दरअसल, पूरा मामला समझने से पहले बलूचिस्‍तान की भौगोलिक स्थिति को समझ लीजिए। बलूचिस्‍तान का एक हिस्‍सा अफगानिस्‍तान बार्डर से टच करता है। तो दूसरा हिस्‍सा ईरान से। जबकि तीसरा हिस्‍सा सीधे अरब सागर में खुलता है। चीन चाहता है कि वो पाकिस्‍तान की इस जमीन का इस्‍तेमाल कर के चीन से सीधे अरब सागर तक अपनी सार्टकट पहुंच बना ले। जो व्‍यापारिक और सामरिक दृष्टि से चीन के लिए बहुत महत्‍पूर्ण और भारत के उतना ही खतरनाक है।

चीन इस इलाके में चीन-पाकिस्‍तान इकॉनोमिक कॉरीडोर भी बना रहा है। बलूचिस्‍तान के लोग इस कॉरीडोर का विरोध कर रहे हैं। जिन्‍हें पाकिस्‍तान सरकार की ओर से धमकी दी गई है अगर वो इस कॉरीडोर का विरोध करेंगे तो उनके खिलाफ आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शनकारियों को आतंकी बताकर जेल में ठूंस दिया जाएगा। पाकिस्‍तान की इस धमकी के बाद भी यहां के लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां के लोगों ने अपनी आवाज को उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन मांगा है। 
हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका – कराची में लहराया भारत का झंडा, लगे मोदी-मोदी के नारे



पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका – कराची में लहराया भारत का झंडा, लगे मोदी-मोदी के नारे



कराची में लहराया भारत का झंडा, लगे मोदी-मोदी के नारे नई दिल्ली। एक तरफ जहां बलूचिस्तान में लोग आजादी की मांग कर रहे हैं। वहीं, उससे कहीं अधिक बड़ा आजादी का आंदोलन इस वक्त सिंध प्रांत में चल रहा है। सिंध के कई छोटे-बड़े शहरों और दूसरे देशों में बसे सिंध के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारत का झंडा लहराया और मोदी मोदी के नारे लगाए।



कराची में लहराया भारत का झंडा, लगे मोदी-मोदी के नारे, लाइक करें हमारा फेसबुक पेज 
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी के बलूचिस्तान वाले बयान से तिलमिलाई पाक सेना, शुरू की हैवानियत

बलूचिस्तान के बाद अब सिंध और कराची में आजादी की मांग

दरअसल, पाकिस्तान ने यहां पर चीन को बड़े पैमाने पर जमीन दी हैं, जिस पर कथित तौर पर इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाया जाना है। लोकल लोगों का कहना है कि इस कॉरीडोर से उन लोगों की जमीनें तो छीन ली जाएंगी, लेकिन जो उद्योग-धंधे लगेंगे उनमें बाहरी लोगों को लाकर बसाया जाएगा। साथ ही चीन और पाकिस्तानी सेना की गतिविधियां इस इलाके में बढ़ेंगी, जिससे अलग तरह की समस्याएं पैदा होंगी। पाकिस्तान सरकार यह सब सिंधी पहचान को हमेशा के लिए मिटाने के मकसद से कर रही है। इस कॉरीडोर के बनने से इस पूरे इलाके में पंजाबी मूल के पाकिस्तानियों की दखल बढ़ जाएगी और सिंधी लोग यहां अल्पसंख्यक बनकर रह जाएंगे।





बलूचिस्तान में फहराया गया था तिरंगा


इससे पहले बीते दिनों बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग कर रहे लोगों ने बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) ने प्रांत के कई हिस्सों में मोदी की तस्वीर के साथ तिरंगा फहाराया। पिछले चार दिनों से ब्लूचिस्तान के सुई डेरा बुगती, जाफराबाद और नसीराबाद समेत कई अन्य जगहों पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत का झंडा तथा ब्लूच स्वतंत्रता सेनानी अकबर बुग्ती की तस्वीरें हाथों में लेकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के झंडे को पैर से रौंदा और ‘बंद करो बलूच नरसंहार’ की तख्तियां भी दिखाईं।




हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

कांग्रेस के बड़े नेता ने कहा, कश्मीर समस्या का हल सिर्फ पीएम मोदी के पास

कांग्रेस के बड़े नेता ने कहा, कश्मीर समस्या का हल सिर्फ पीएम मोदी के पास

श्रीनगर। 52 दिन हो गए कश्‍मीर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। कर्फ्यू हटाते ही कुद जगहों से हिंसा की घटनाऐ सामने आई हैं। वहीं 4 सितंबर को वित्त मंत्री और गृह मंत्री के साथ 35 दलों के ऑल पार्टी डेलिगेशन के वहां जाने से पहले कांग्रेस ने कहा है कि कश्‍मीर समस्‍या का हल बीजेपी ही कर सकती है। इसके लिए विपक्ष उनका पूरा समर्थन करेगा।


गुलाम नबी आजाद

कश्‍मीर समस्‍या का हल सिर्फ पीएम मोदी के पास

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को कहा कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही कश्मीर समस्या को हल कर सकता है। उसके दिए फॉर्मूले को विपक्ष का पूरा साथ मिलेगा।
निकल सकता है बेहतर समाधान
आजाद ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राजीव गांधी ने जब भी कश्मीर मामले को हल करना चाहा और समाधान पेश किया, बीजेपी ने हमेशा उनका विरोध किया। उनकी पहलों को कश्मीरी और अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करार दिया। अब बीजेपी राज्य और केंद्र दोनों ही जगह सरकार चला रही है। वह कश्‍मीर समस्‍या का हल निकाल सकती है।
राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार
श्रीनगर में कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद आजाद ने कहा कि 70 साल के इतिहास में कश्मीर में यह बेहद बुरा दौर है। कश्मीर, सरकार और राजनीतिक दलों को संविदान के दायरे में इसका स्थायी समाधान निकालने का वक्त आ गया है। अभी बीजेपी इस हालत में है कि वह स्थायी समाधान निकाले. कांग्रेस और सभी विपक्षी पार्टी इसेक लिए सरकार का साथ देगी।
संसद में कांग्रेस ने की चर्चा की शुरुआत
उन्होंने कहा कि संसद ने 20 दिन में चार बार कश्मीर के हालात पर चर्चा की. ऐसा पहली बार हुआ कि कांग्रेस ने चर्चा की शुरुआत की और सभी विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया। विपक्ष ने कश्मीर समस्या पर केंद्र और राज्य को सामने आने के लिए जोर लगाया। कांग्रेस ने शुरुआती दिनों में ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजने की मांग की थी। केंद्र सरकार ने हमारी यह मांग मानने में 52 दिन लगा दिए। कर्फ्यू हटाने में इतना वक्त लग गया. वक्त नहीं लगाते तो कई जान बच सकती थी।


मत करिए दोहरी नीति का वार
आजाद ने केंद्र की ओर से कश्मीर में ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजे जाने का स्वागत करते हुए कहा कि कश्मीरियों को उनसे बातें करने के लिए आगे आना चाहिए। वहीं सरकार को कश्मीरियों के साथ मुख में राम बगल में छुरी की नीति को नजरअंदाज करना चाहिए। आप पाकिस्तान के साथ भले ही ऐसी नीति रखिए मगर कश्मीरियों के लिए नहीं। वह हमारे अपने लोग हैं. आप बुजुर्गों से राय लीजिए और नौजवानों की काउंसलिंग करिए. उनकी नाराजगी दूर करिए।
2008 में भी बिगड़े थे हालात
आजाद ने अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान कश्मीर में बिगड़े हालात के बारे में कहा कि साल 2008 में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को फॉरेस्ट लैंड देने के खिलाफ कश्मीरियों ने बड़ा प्रदर्शन किया था। मेरे इस्तीफे तक सिर्फ पांच लोगों की जान गई थी। इस्तीफे के बाद गवर्नर रूल लगा। विरोध तेज होने पर बीजेपी ने कश्मीर में आर्थिक नाकेबंदी कर दी थी। इसके बाद घाटी में हुए प्रदर्शन में 10 लाख लोग जुट गए थे। वे लोग मुजफ्फराबाद मार्च निकाल रहे थे। उस पर हुई फायरिंग में एक दिन में 22 लोगों की जान गई थी।
बीजेपी मंत्रियों पर लगाए आरोप
आजाद ने कहा कि तब बीजेपी और उनके समर्थकों ने घाटी में आर्थिक नाकेबंदी करवा दी थी। उनमें से कुछ लोग आज केंद्र में मंत्री हैं। आजाद ने पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की ओर इशारा किया था. वह 2008 में जम्मू आंदोलन के अगुवा थे।

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

Tuesday, August 30, 2016

भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा करार से उड़ी चीन की नींद

भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा करार से उड़ी चीन की नींद




नयी दिल्ली/वाशिंगटन : भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग समझौते से चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ चुकी है हालांकि चीन इसे ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा है. उसने इस करार को दोनों देशों के बीच सामान्य सहयोग बताया है जबकि इसको लेकर चीन का मीडिया भारत से बेहद खफा है. उसने चेताया है कि अमेरिकी खेमे में जाने की भारत की कोशिश से चीन, पाकिस्तान और रूस की नाराजगी बढ़ सकती है.

आपको बता दें कि भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को बढ़ावा देते हुए एक विशद साजो-सामान आदान-प्रदान करार पर हस्ताक्षर किये हैं, जिससे दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे की सुविधाओं
एवं ठिकानों का उपकरणों की मरम्मत एवं आपूर्ति को सुचारु बनाये रखने के लिए उपयोग कर सकेंगे. इससे उनके संयुक्त अभियानों की दक्षता में इजाफा होगा. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर एवं अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर ने ‘साजो-सामान आदान-प्रदान सहमति करार’ (एलइएमओए) पर हस्ताक्षर किये.

पर्रीकर ने कहा कि इससे व्यावहारिक संबंध एवं आदान-प्रदान के लिए अवसर का सृजन होगा. एलइएमओए से भारत एवं अमेरिका के बीच साजो-सामान सहयोग, आपूर्ति एवं सेवाओं का उसकी पुन:पूर्ति के आधार पर प्रावधान होगा. इसमें खाना, पानी, वस्त्र, परिवहन, पेट्रोलियम, तेल, लुब्रिकेंट, परिधान, चिकित्सा सेवाएं, कलपुर्जे एवं उकरण, मरम्मत एवं देखभाल सेवाएं, प्रशिक्षण सेवाएं तथा अन्य साजो-सामान की वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल हैं. पर्रीकर ने स्पष्ट किया कि (समझौते में) भारत में किसी तरह का सैन्य अड्डा या किसी तरह की गतिविधि स्थापित करने का कोई प्रावधान नहीं है. करार पर हस्ताक्षर होने के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘वे इस तंत्र पर सहमत हुए कि इस प्रारूप से रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार सहयोग में अभिनव एवं आधुनिक अवसरों के अवसर मिलने में सुविधा होगी.

अमेरिका अपने स्तर पर भारत के साथ रक्षा व्यापार एवं प्रौद्योकिगी को बढ़ाने पर सहमत हुआ है तथा यह भारत को उस स्तर के बराबर ले जायेगा, जो उसके नजदीकी सहयोगी एवं भागीदारों को प्राप्त है. बयान के अनुसार, दोनों देशों के बीच के रक्षा संबंध उनके ‘साझा मूल्यों एवं हितों’ तथा ‘वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के प्रति उनकी स्थायी प्रतिबद्धता’ पर आधारित हैं.

चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ी

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य साजो-सामान हस्ताक्षर के बाद चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ गयी है. दोनों देशों में साफ तौर पर बेचैनी देखी जा रही हैं. दोनों देशों के मीडिया में कहा जा रहा है कि इस समझौते से चीन और पाकिस्तान पर सीधा असर होगा. पाकिस्तानी और चीनी मीडिया में कहा जा रहा है कि एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव के लिए अमेरिका और भारत इस एग्रीमेंट को अंजाम दिया है.

पिछलग्गू न बने भारत

इस समझौते को लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि बेशक यह अमेरिका और भारत के सैन्य सहयोग में एक बड़ा कदम है. यदि भारत अमेरिकी गंठबंधन के तंत्र में जल्दबाजी में शामिल हो जाता है, तो इससे चीन, पाकिस्तान और यहां तक कि रूस भी नाराज हो सकता है. ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी दी है कि यह समझौता नयी दिल्ली को वाशिंगटन का ‘पिछलग्गू’ बना सकता है. 

 

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

चीन के खिलाफ मोदी ने की 3 तरफ से घेराबंदी, चीन बुरी तरह बोखलाया

चीन के खिलाफ मोदी ने की 3 तरफ से घेराबंदी, चीन बुरी तरह बोखलाया


india counters china, international news in hindi, world hindi news
वॉशिंगटन. भारत तीन तरीके से चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है। इंडिपेंडेंस-डे की स्पीच में मोदी ने बलूचिस्तान का जिक्र कर चीन को बयान देने को मजबूर कर दिया था। इसी के बाद लंदन में चीनी एम्बेसी पर बलूच नेताओं ने प्रदर्शन किए। अब भारत ने चीन को रोकने के मकसद से यूएस के साथ बड़ा डिफेंस एग्रीमेंट किया है। मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में सोमवार को हुई इस डील के तहत दोनों देश एक-दूसरे के नेवल और एयर बेस का इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं, मोदी अगले महीने बीजिंग में जी-20 समिट से पहले चीन के विरोधी देश वियतनाम जाएंगे। इस बीच भारत-यूएस डील से तिलमिलाए चीन ने कहा, ‘भारत चतुराई भरा कदम उठा रहा है। लेकिन समझौते के चलते भारत को अपनी राजनीतिक आजादी गंवानी पड़ सकती है। डील से भारत के चीन, पाकिस्तान और रूस से रिलेशन खराब हो सकते हैं। साथ ही इससे भारत सेफ भी नहीं होगा।’
1# मोदी ने पर्रिकर को यूएस भेजा, बड़ी मिलिट्री डील कराई
 वॉशिंगटन में सोमवार को डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर और उनके अमेरिकी काउंटरपार्ट एश्टन कार्टन ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) पर साइन किए।
 डील का मकसद चीन की ताकत को खासकर समंदर में बढ़ने से रोकना है ।
 समझौते के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के इक्विपमेंट्स और नेवल-एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेंगी। दोनों देशों को फाइटर प्लेन और वॉरशिप के लिए फ्यूल भी आसानी से मिल सकेगा।

पर्रिकर ने कहा, “समझौते के तहत भारत-अमेरिकी नेवी एक-दूसरे को ज्वाइंट ऑपरेशन और एक्सरसाइज में सपोर्ट करेंगी।”
अमेरिका भारत के साथ लंबे समय से ऐसा समझौता चाहता रहा है, जिसमें सिक्युरिटी को-ऑपरेशन के अलावा जानकारियां भी साझा की जा सकें।
LEMOA के तहत दोनों देश एक-दूसरे से पानी और खाने जैसे रिसोर्सेस की भी शेयरिंग करेंगे। हालांकि, इस समझौते के मायने भारत की धरती पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नहीं है।
– वहीं, भारत के किसी मित्र देश से अमेरिका अगर वॉर छेड़ता है तो उसे ये फैसिलिटी नहीं मिलेगी।
india counters china, international news in hindi, world hindi news
2# चीन को घेरने के लिए मोदी जी-20 बैठक से पहले जाएंगे उसके विरोधी देश वियतनाम
 मोदी अगले महीने चीन में होने वाली जी-20 समिट से पहले वियतनाम जाएंगे। 3 सितंबर को मोदी राजधानी हनोई में होंगे। यह किसी भी भारतीय पीएम की पिछले 15 साल में पहली वियतनाम विजिट होगी।
4 से 5 सितंबर को चीन में जी-20 समिट होनी है।
– मोदी वियतनाम विजिट साउथ-ईस्ट एशिया में भारत की बढ़ती स्ट्रैटजिक मौजूदगी का भी संकेत होगी।
– अफसरों की मानें तो मोदी इस दौरान वियतनाम को फौजी ताकत बढ़ाने में मदद का प्रपोजल भी दे सकते हैं।
– बता दें कि चीन और वियतनाम के बीच 1970, 1980 और 1990 के दशक में जंग हो चुकी है। दोनों के बीच साउथ चाइना सी को लेकर विवाद है।
3# इंडिपेंडेंस-डे की स्पीच में बलूचिस्तान का जिक्र किया तो चिढ़ा चीन, कार्रवाई की धमकी
– चीन के एक थिंक टैंक ने भारत को वॉर्निंग दी है। उसने कहा कि यदि भारत बलूचिस्तान में 46 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को बनने से रोकेगा तो चीन कार्रवाई से गुरेज नहीं करेगा।
– चीन के इंटरनेशनल रिलेशन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हू शीशेंग ने कहा कि मोदी का बलूचिस्तान का जिक्र चीन की ‘ताजा चिंता’ है। भारत के अमेरिका से बढ़ते सैन्य संबंध और साउथ चाइना सी पर उसका रवैया चीन के लिए खतरे की घंटी के समान है।
– वहीं, चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, “मोदी अपना सब्र खो चुके हैं और उन्होंने दुश्मनी के कट्टर लहजे को अपना लिया है।”
– ग्लोबल टाइम्स में ‘मोदी की उकसावे वाली कार्रवाई से भारत पर बढ़ता खतरा’ नामक रिपोर्ट में कहा गया, “जब भारत बलूचिस्तान में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करता रहा है तब मोदी क्यों पब्लिकली इसका जिक्र करते हैं? कश्मीर पर भी वे इतना उकसावे वाला कदम उठाते हैं?”
लॉजिस्टिक्स डील से घबराए चीन ने कहा- भारत पिछलग्गू न बने
– भारत-यूएस डील को लेकर चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, ‘भारत-अमेरिका मिलिट्री रिलेशन में ये एक लंबी छलांग है। फोर्ब्स ने इस समझौते को वॉर पैक्ट बताते हुए कहा है कि भारत अपने पुराने साथी रहे रूस के पाले से निकलकर अमेरिका की तरफ शिफ्ट हो रहा है।’
– ग्लोबल टाइम्स लिखता है, ‘भारत चतुराई भरा कदम उठा रहा है। लेकिन समझौते के चलते भारत को अपनी राजनीतिक आजादी गंवानी पड़ सकती है। डील से भारत के चीन, पाकिस्तान और रूस से रिलेशन खराब हो सकते हैं। साथ ही इससे भारत सेफ भी नहीं होगा।’
– ‘बीते कुछ सालों से अमेरिका जानबूझकर भारत से ज्यादा नजदीकी दिखा रहा है ताकि इस इलाके में चीन के ऊपर दबाव बनाया जा सके।’
– ‘ये भी पॉसिबल है कि मोदी एडमिनिस्ट्रेशन भारत को एक गैर-परंपरागत रास्ते पर जाने की कोशिश कर रहा है। इस दिशा में अमेरिका से लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट अहम कदम है। सवाल ये है कि भारत-अमेरिका रिलेशन का भू-राजनीतिक मूल्यों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?’
– ‘अगर भारत जल्दबाजी में अमेरिका का सहयोगी बन रहा है तो वह खुद ही रणनीतिक जाल में फंसेगा और एशिया में कॉम्पिटीशन को हवा देगा।’

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

भारत-अमेरिका वॉर पैक्ट से पाक, चीन बुरी तरह डरे ,कहा- मोदी खुलकर दुश्मनी निभा रहे







भारत-अमेरिका वॉर पैक्ट से पाकिस्तान और चीन बुरी तरह डरे ,कहा- मोदी खुलकर दुश्मनी निभा रहे हैं

Image result for modi with obama
नई दिल्ली.भारत-अमेरिका के बीच लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट से पाकिस्तान-चीन के मीडिया में हलचल मची है। दोनों देशों के मीडिया का कहना है कि एशिया में चीन के बढ़ते असर को देखते हुए अमेरिका और भारत ने इस समझौते को अंजाम दिया है। चीनी मीडिया ने यह तक कहा कि पाकिस्तान से रिश्ते बिगड़ने पर मोदी अब खुलकर दुश्मनी निभा रहे हैं। वहीं, अमेरिकी मीडिया का कहना है कि भारत-अमेरिका के बीच लगातार मिलिट्री पार्टनरशिप बढ़ रही है।
क्या है चीन और पाकिस्तान के बौखलाने की दो बड़ी वजह हैं…


# पहली:
– वॉशिंगटन में सोमवार को डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर और उनके अमेरिकी काउंटरपार्ट एश्टन कार्टन ने लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) पर साइन किए।
– डील का मकसद चीन की ताकत को खासकर समंदर में बढ़ने से रोकना है। समझौते के मुताबिक, दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के इक्विपमेंट्स और नेवल-एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेंगी।
– LEMOA के तहत दोनों देश एक-दूसरे से पानी और खाने जैसे रिसोर्सेस की भी शेयरिंग करेंगे। हालांकि, इस समझौते के मायने भारत की धरती पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नहीं है।
# दूसरी:
– इंडिपेंडेंस-डे की स्पीच में मोदी ने बलूचिस्तान पर चीन और पाकिस्तान को एकसाथ घेरने की कोशिश की है। इसी के बाद लंदन में चीनी एम्बेसी पर बलूच नेता प्रदर्शन कर रहे हैं।
– वहीं, बलूचिस्तान, सिंध और पीओके में भी पाक के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गये हैं। वहां के नेता खुलकर सामने आ रहे हैं।
चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- अमेरिका का पिछलग्गू बन रहा है भारत
– “यह बेशक अमेरिका-भारत के बीच सैन्य साझेदारी की लंबी छलांग होगी। लेकिन ऐसा समझौता करने से भारत अपनी रणनीतिक आजादी खो सकता है और अमेरिका का पिछलग्गू बनता जा रहा है।”
– ”मोदी पाकिस्तान के साथ रिश्ते को सुधारने की कोशिशों के बाद अपना सब्र खो चुके हैं और उन्होंने रुख बदलकर दुश्मनी वाला भाव अपना लिया है।”
– अमेरिकी मैग्जीन फोर्ब्स ने इस पैक्ट को ‘वॉर पैक्ट’ बताते हुए कहा है कि भारत अपने शीत युद्ध के साथी रूस के पाले से निकल कर अमेरिका की तरफ जा रहा है।


India\\\'s alliance with US may irritate China and pakistan, international news in hindi, world hindi news

पाक के न्यूजपेपर डॉन ने लिखा- चीन को रोकने के लिए यह वॉर पैक्ट, पाक-चीन पर सीधा असर पड़ेगा
– “अमेरिका और भारत लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ अग्रीमेंट के तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे। अमेरिकी सेना और उसकी वायुसेना के लिए भारत के सैन्य अड्डों से लड़ना आसान होगा।”
– ”भारत भी पूरी दुनिया में अमेरिकी बेस का इस्तेमाल कर सकता है। इसका सीधा असर पाकिस्तान और चीन पर पड़ेगा।”
– अखबार ने अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स में छपे एक आर्टिकल का हवाला भी दिया है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान और चीन सावधान हो जाएं, इस हफ्ते भारत और अमेरिका बहुत बड़ा सैन्य समझौता कर सकते हैं।

अमेरिका की फोर्ब्स मैगजीन ने लिखा- मोदी रूस को नजरअंदाज कर आगे बढ़ रहे हैं
– “चीन को काबू में रखने के लिए ओबामा प्रशासन के कार्यकाल का यह एक बेहद अहम एग्रीमेंट है। इससे भविष्य में भारत को चीन के सामने खड़े होने के लिए मजबूत आधार मिलेगा।”
– ”इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिकी सेना का प्रभाव भी बढ़ेगा। इराक और अफगानिस्तान में अमेरिका को सब कुछ बनाना पड़ा था लेकिन इंडिया के पास पहले से ही बुनियादी चीजें मौजूद हैं।”
– ”हालांकि इस समझौते से भारत और उसके भरोसेमंद सहयोगी रूस के रिश्तों में तनाव आ सकता है। मोदी को इसकी परवाह नहीं है।”

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

बलूचिस्तान पर पीएम मोदी के दम पर लंदन अमेरिका रूस से भी मिला समर्थन, चीन तिलमिलाया

 बलूचिस्तान पर पीएम मोदी के दम पर लंदन अमेरिका रूस से भी मिला समर्थन, चीन तिलमिलाया





बलूचिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान को विदेशों से भी समर्थन मिलने लगा है। अमेरिका, जर्मनी के बाद लंदन से भी PM के समर्थन की खबरें मिल रही हैं।
लंदन में ‘पीएम मोदी फॉर बलूचिस्तान’ और ‘कदम बढ़ाओ मोदी जी हम तुम्हारे साथ हैं’ जैसे नारों के साथ लोगों ने प्रदर्शन किया। लंदन में मौजूद सिंध और बलूचिस्तान के नेताओं ने चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर कि भी खिलाफत की।  
बीते शनिवार को जर्मनी में भी इसी तरह के दृश्य देखने को मिले थे। जब वहाँ लेपिजिग शहर में कई बलूच कार्यकर्ता सड़क पर उतारे और एक रैली का आयोजन किया। इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे भी लगाए। इस रैली कि ख़ास बात यह थी की कार्यकर्ताओं के हाथ में तिरंगा था।

अमेरिका ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर तथा बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकार की स्थिति पर चिंता जताई थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा था कि अमेरिका वहां ‘मानवाधिकार की स्थिति’ को लेकर चिंतित है और ‘इसका उल्लेख अपनी मानवाधिकार रिपोर्ट में भी किया है।’ टोनर ने यह भी कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान से क्षेत्र में मौजूद समस्याओं का समाधान हमेशा शांतिपूर्ण ढंग से और राजनीतिक प्रक्रिया के जरिये ढूंढ़ने का आग्रह किया है।
स बीच चीन के एक प्रभावी थिंक टैंक ने कहा है कि अगर भारत के किसी ‘षड्यंत्र’ ने बलूचिस्तान में 46 अरब डालर लागत की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को बाधित किया तो फिर चीन को ‘मामले में दखल देना पड़ेगा।’
चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटम्पररी इंटरनेशनल रिलेशन्स के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एंड साउथ-ईस्ट एशियन एंड ओसिनियन स्टडीज के निदेशक हू शीशेंग ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से दिए गए भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान का जिक्र, चीन और इसके विद्वानों की ‘ताजा चिंता’ है।
चीन की स्टेट सिक्योरिटी के मंत्रालय से संबद्ध इस प्रभावी थिंकटैंक के अध्ययनकर्ता ने यह भी कहा कि भारत का अमेरिका से बढ़ता सैन्य संबंध और दक्षिण चीन सागर पर इसके रुख में बदलाव चीन के लिए खतरे की घंटी के समान है।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति में निर्णायक मोड़ हो सकता है। चीनी बुद्धिजीवियों की चिंता की वजह यह है कि भारत ने पहली बार बलूचिस्तान जिक्र किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी द्वारा भाषण में इस इलाके के उल्लेख से पाकिस्तान को संकेत दिया गया है कि जम्मू एवं कश्मीर में आतंकियों को समर्थन देने पर उसे उसी की भाषा में जवाब मिलेगा। इससे भारत-चीन के संबंध और बिगड़ेंगे।
हू ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग भी चीन के लिए चिंता की वजह बन रहा है। पहले चीन को इससे फर्क नहीं पड़ता था कि भारत का किससे रक्षा सहयोग है, लेकिन अब चीन में इसे लेकर चिंता महसूस की जा रही है।

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

पहले पत्रकारों की जान बचाई अब एक महिला को पीएम मोदी ने दिया नया जीवन

   पहले पत्रकारों की जान बचाई अब एक महिला को पीएम मोदी ने दिया नया जीवन



जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीड़ितों की समस्याओं के समाधान के लिए कितने तत्पर हैं, इसका उदाहरण राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर में देखने को मिला। प्रधानमंत्री की पहल से एक महिला को नया जीवन मिला है।
गांव नेतसी की गरीब महिला के हार्ट के ऑपरेशन के लिये अनुदान राशि देने का पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचने पर उन्होंने न केवल संबंधित चिकित्सालय में ऑपरेशन की राशि भेजकर महिला का हार्ट का ऑपरेशन करवाया, बल्कि व्यक्तिगत रूप से महिला को पत्र भेजकर उसके अतिशीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना भी की।
निर्धन परिवार की महिला पूना बेन पत्नी हरी सिंह भाटी हृदय रोग की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी और हार्ट सर्जरी के लिए मोटी धनराशि चाहिये थी, जो उसके परिवार के बूते से बाहर थी।
ऐसे में परिवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ऑपरेशन में आर्थिक सहायता के लिए मदद मांगी और सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने भी व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलवाने का आग्रह किया।
सांसद ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उनके आग्रह के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीड़ित की हार्ट सर्जरी के लिए उनके द्वारा बताए चिकित्सालय यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कोर्डियालॉजी अहमदाबाद में सीधे 50 हजार रुपये जमा कराकर आर्थिक सहायता दी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने निजी तौर पर भी पूना बेन को पत्र लिखकर रोग मुक्त होने की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी


हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

खुद पाकिस्तान के अंग बन रहे पाक के दुश्मन, अब कराची में मोदी नारे के साथ लहराया तिरंगा

खुद पाकिस्तान के अंग बन रहे पाक के दुश्मन, अब कराची में मोदी नारे के साथ लहराया तिरंगा

 पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पीएम मोदी के भाषण का इतना गहरा असर पड़ेगा कि खुद पाकिस्तान में मोदी-मोदी के नारे लगने लगेंगे और साथ ही पाकिस्तान में तिरंगा लहराया जाएगा। मोदी के दिए भाषण ने ना सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पाकिस्तान तक के लोगों के दिलों में भी घर बना लिया है।  लाइक करें हमारा फेसबुक पेज 
जहां एक तरफ पाकिस्तान मोदी द्वारा दिए भाषण से खुश बलूचिस्तान को मनाने में लगा है वहीं दूसरी तरफ अब कराची में भी मोदी-मोदी के नारे लगने लगने लगे हैं। वहां के लोग भी भारत का झंडा फहरा रहे हैं।


आपको बता दें कि कराची में मोदी के नारे और भारत का झंडा फहराए जाने से पाकिस्तान की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है। बलूचिस्तान पर दिए भाषण से पाकिस्तान को ऐसा झटका लगा कि वो पूरी तरह से बोखला गया है और सोचने समझने की शक्ति खो बैठा है। लेकिन इस सबसे बड़े झटके से पाकिस्तान में जैसे हड़कंप सा मच गया है। क्योंकि अब कराची में भी मोदी ही मोदी छाए हुए हैं। सिंधु के छोटे-छोटे शहरों में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन और मोदी का समर्थन पिछले 5 दिन से जारी है। पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन तो 15 अगस्त को ही शुरू हो गया था। जब बलूचिस्तान ने मोदी के भाषण का समर्थन किया था।


बता दें कि कराची के लोगों का प्रदर्शन पाकिस्तान और चीन के बीच हुए फैसले को लेकर है। दरअसल पाकिस्तान ने यहां चीन को बड़े पैमाने पर जमीन दी है। जिसके चलते यहां के लोग नाराज़ है। उनका कहना है कि यहां कथित तौर पर इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाया जाएगा और इस कॉरीडोर में उन लोगों की जमीने छीन ली जाएंगी। उसके बाद जो यहा उद्धोग धंधे चलाए जाएंगे उनमें बहारी लोगों को लाकर बसाया जाएगा। साथ ही पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती गतिविधियों से कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। सिंधी लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सिंधी का नामों निशान मिटाना चाहता है। कॉरीडोर के बनने से इस पूरे इलाके में पंजाबी मूल के पाकिस्तानियों की दखल बढ़ जाएगी और सिंधी लोग यहां अल्पसंख्यक बनकर रह जाएंगे।


हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

पंजाब इलेक्‍शन पर सबसे सटीक भविष्‍यवाणी ! जानिए किस पर मंडराए हार के ‘बादल’ ?

पंजाब इलेक्‍शन पर सबसे सटीक भविष्‍यवाणी ! जानिए किस पर मंडराए हार के ‘बादल’ ?



अगले साल होने वाले पंजाब इलेक्‍शन को लेकर अभी से सरगर्मियां तेज हो गई हैं, सियासी हार-जीत की भविष्‍यवाणियां भी शुरु हो चुकी हैं।  

New Delhi Aug 30 : पंजाब इलेक्‍शन को लेकर अभी से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। जहां एक ओर रैलियों और घोषणाओं का दौर चल रहा है वहीं दूसरी ओर दल-बदल की सियासत भी जारी है। अब तक तमाम सर्वे हो चुके हैं। पंजाब की नब्‍ज टटोली जा रही है कि कौन कितने पानी में है। अलग-अलग सर्वे के अलग-अलग नतीजे देखने को मिल रहे हैं। इस बीच सट्टा बाजार भी पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हो गया है।
लाइक करें हमारा फेसबुक पेज

सट्टा बाजार ने भी अपना आंकलन शुरु कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि सट्टा बाजार ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्‍यादा सीटें दी हैं। सट्टा बाजार में हार-जीत को लेकर अभी से दांव लगने भी शुरु हो गए हैं। सट्टा बाजार के मुताबिक पंजाब की 117 सीटों में 76 से 78 विधानसभा सीटों पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जीतती हुई नजर आ रही है। सबसे ज्‍यादा सट्टा भी इसी पार्टी की हार-जीत पर लग रहा है।


जबकि शिरोमणि अकाली दल बादल और बीेजेपी का गठबंधन दूसरे नंबर पर खिसकता हुआ दिख रहा है। सट्टा बाजार ने एनडीए को सिर्फ 18 सीटों पर ही समेट दिया है। यानी 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में सत्‍तारुढ पार्टी सिर्फ 18 सीटों पर ही सिमट जाएगी। जबकि कांग्रेस को भी शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन के पास ही लाकर खड़ा कर दिया है। सट्टा बाजार के मुताबिक यहां पर कांग्रेस को भी 18 सीटें ही मिलने की उम्‍मीद हैं।


हालांकि सट्टा बाजार ने पंजाब में एनडीए की लोवर लिमिट 15 पर सेट की हुई है जबकि कांग्रेस की अपर लिमिट 25 तक पहुंचा दी है। यानी सट्टा बाजार के मुताबिक किसी भी सूरत में इस बार पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन 18 सीटों से ज्‍यादा पर जीत हासिल नहीं कर पाएगी। बहरहाल ये सट्टा बाजार है जो सियासी हवा के साथ बदलता रहता है। जरुरी नहीं है कि जो भाव आज है वही भाव कल भी किसी भी पार्टी का रहे। इसलिए असली नतीजे तो तभी सामने आएंगे जब यहां चुनाव होंगे। 


हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

Saturday, August 20, 2016

308 कश्मीरी युवक हुए सेना में भर्ती, कश्मीर में हिंसा भड़काने वालों के गाल पर ज़ोरदार तमाचा!

308 कश्मीरी युवक हुए सेना में भर्ती, कश्मीर में हिंसा भड़काने वालों के गाल पर ज़ोरदार तमाचा! 



जगजाहिर है की कश्मीर में अलगाववादी शांति भंग करने में लगे रहते हैं। हाल ही में आतंकी बुरहान वानी के सेना द्वारा मारे जाने के विरोध में कश्मीर सुलग उठा था और आज तक वहां के माहौल में अशांति फैली हुई है! कश्मीरी युवा सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें देश के दुश्मनों से मोटी रकम मिल रही है!
इन सब के बीच कश्मीर के ही 308 युवाओं ने भारतीय सेना में भर्ती होकर वहां पनपी हुई सभी राष्ट्र विरोधी ताकतों को करारा तमाचा मार कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए है! कश्मीरी युवाओं का सेना में भर्ती होना एक बड़ी और ख़ुशी की बात है जिससे अलगाववादियों को उनकी असली औकाद का पता चल गया होगा!
आप को बता दें की बीते 18 अगस्त को 308 कश्मीरी युवा जम्मू एंड कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (JAKLI) रेजिमेंट में शामिल हुए हैं! लाइक करें हमारा फेसबुक पेज

ख़ुशी की बात यह भी है की पासिंग आउट परेड समारोह में इन युवकों के परिजनों ने भी हिस्सा लिया और मुख्य आकर्षण वहां के स्थानीय लोगों और उनके परिवारों द्वारा मोमबत्ती जलाकर कश्मीर के लोगों के साथ एकजुटता और जल्द से जल्द घाटी में शांति की वापसी के लिए प्रार्थना करना रहा!


हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

अब दलितों के हाथों से निवाला खा रहे हैं कांग्रेसी, दलित वोट बैंक के लिए कांग्रेस की नई चाल!






लखनऊ। यूपी में अपनी खोई हुई सियासी जमीन फिर से तलाशने की कोशिश में जुटी कांग्रेस तमाम कोशिशें कर रही है। इन्हीं कोशिशों के तहत अब वो दलितों पर भी डोरे डाल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर कांग्रेस ने आज यूपी के अलग अलग जिलों में भीम भोज का भी आयोजन किया है। 

लाइक करें हमारा फेसबुक पेज

भीम भोज के तहत आज यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने भी आज लखनऊ में दलितों के बीच जाकर उनके साथ भोजन किया। राजबब्बर ने तो दलित महिलाओं के हाथ से निवाले भी खाए। इस तरह के भीम भोज का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि भीम भोज से उसे दलितों को रिझाने में सफलता हासिल होगी।


राजबब्बर ने भीम भोज को सियासी स्टंट मानने से इनकार किया और कहा कि भीम भोज से सामाजिक समरसता बढ़ाने में मदद मिलेगी। राजबब्बर के साथ रीता बहुगुणा जोशी और दूसरे तमाम नेता भी भीम भोज में शामिल हुए।


हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

फिर जलाया गया पाकिस्तान का झंडा, बलूचिस्तान में बढ़ती जा रही है विरोध की आग


 

इस्‍लामाबाद। बलूचिस्तान का मुद्दा उठने के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगते अपने मुख्य सीमा बिन्दुओं में से एक को बंद कर दिया है। इस बीच अफगान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्‍तान का झंडा जला दिया वहीं भारत के समर्थन में नारे लगाए।


 हमारा फेसबुक पेज

डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अफगानिस्‍तान का 97वां राष्‍ट्रीय दिवस मनाने के लिए शुक्रवार को अफगान नागरिकों का एक बड़ा दल बलूचिस्‍तान के चमन में फ्रेंडशिप गेट के पास जमा हुआ था। इनके हाथों में तख्तियां और बैनर थे जिन पर पाकिस्‍तान विरोधी स्‍लोगन लिखे हुए थे।



इसके बाद इन्‍होंने पाकिस्‍तान विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए और गेट पर पत्‍थर फेंकने लगे। इन्‍होंने गेट पर मौजूद एक पाकिस्‍तानी प्रदर्शनकारी से पाकिस्‍तान का झंडा छीन लिया और उसे आग के हवाले कर दिया। इस वाकये के बाद अधिकारियों को अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने पड़े और गेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद करना पड़ा।



एक अन्य अधिकारी ने बताया कि स्पिन बोल्दाक शहर से ताल्लुक रखने वाले अफगान नागरिकों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बलूचिस्तान संबंधी टिप्पणियों का पाकिस्तान द्वारा विरोध किए जाने के बाद भारत के पक्ष में नारे लगाए।



सीमा बिन्दु को बंद किए जाने से सीमा के दोनों तरफ ट्रकों और लॉरियों की लंबी कतार लग गई। आवश्यक आपूर्ति के बुरी तरह बाधित होने से दोनों तरफ के व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।



हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

Wednesday, August 17, 2016

कश्मीर तो नही मिलेगा, बलूचिस्तान ज़रूर खो दोगे- नरेंद्र मोदी

कश्मीर तो नही मिलेगा, बलूचिस्तान ज़रूर खो दोगे- नरेंद्र मोदी



सोमवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान, कश्मीर और गिलगित के बारे में बात की यह बेहद खुशी की बात थी . जिस बात को करने से भारत पिछले ७० सालों से कतरा रहा था, वह बात करके मोदी जी ने आलोचकों का भी दिल जीत लिया.लाइक करें हमारा फेसबुक पेज 
भारत को खुले तौर पर बलूचिस्तान आजादी की लड़ाई का बहुत पहले ही समर्थन करना चाहिए था, मगर हुआ नही. कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के वैश्विक प्रचार का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी लीवर के रूप में बलूचिस्तान के मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए .
बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गये अत्याचार कहीं अधिक भीषण और अमानवीय हैं कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा कथित मानवाधिकार के उल्लंघन से जिसे पाकिस्तान अक्सर बढ़ा चढ़ा के दुनिया को दिखता रहता है.
कुछ अनुमानों के अनुसार, 2000 के बाद से 20,000 से अधिक लोग बलूच (5,000 बच्चों सहित) का अपहरण कर लिया गया है और / या पाकिस्तानी सेना द्वारा मारे गए । अल्पसंख्यक , खासकर हिंदू, विशेष रूप से निशाना बनाया गया है ।
मेरी राय में, पाकिस्तान के प्रति मोदी सरकार की नीति भ्रमित नहीं थी. प्रारंभ में, मोदी जी आक्रामक होने से पहले पाकिस्तान को पर्याप्त अवसर देना चाहते थे. लाहौर में प्रधानमंत्री का अचानक पहुच जाना या फिर  पाकिस्तान की खुफिया टीम को भारत आने की अनुमति देना या फिर पाकिस्तानी प्रतिनिधियों से  तटस्थ स्थानों पर मिलना इन्ही सब रणनीति का हिस्सा थे।
नतीजतन, मोदी सरकार ने दुनिया को यह दिखा दिया की भारत पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास किया है , लेकिन पाकिस्तान ने इस पहल का सकारात्मक जवाब नही दिया.

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

पीएम मोदी की नई तकनीकी जिससे पाकिस्तान के छूटेंगे पसीने

पीएम मोदी की नई तकनीकी जिससे पाकिस्तान के छूटेंगे पसीने




पीएम मोदी की नई तकनीकी जिससे पाकिस्तान के छूटेंगे पसीने

नई दिल्‍ली। भारत-पाकिस्‍तान बॉर्डर पर अब एक ऐसी तैयारी हो रही है जिससे पाकिस्‍तान के पसीने आ जाएंगे। मोदी सरकार घने जंगलों के बीच छिपे हुए और वीडियो में गन लहराकर हिंदुस्तान को चुनौती देने का दुस्साहस करने वाले आंतकियों के दिन अब खत्‍म करने जा रही है। LOC पर दीवार बनाने की हो रही तैयारी।लाइक करें हमारा फेसबुक पेज

LOC पर दीवार से रखी जाएगी पा‍किस्‍तान पर नजर

LOC पर दीवार बनाने की तैयारी की जा रही है। खबर मिली है कि सुरक्षा बलों को मिलने वाली है अब एक ऐसी आंख जो इस तरह के आतंकियों पर हर पल और हर जगह निगाह रखेंगी और निगाह में आए हुए इन आतंकियों को सुरक्षाबलों की गोलियां आखिरी अंजाम तक पहुंचा देंगी। अब आप जान लीजिए ये सुरक्षा बलों की ये तीसरी आंख कौन सी है। फोलिएज पैनिट्रेटिंग रडार यानि ऐसा रडारयुक्त कैमरा जो घने जंगलों में छिपे हुए आतंकियों को पल भर में खोज लेगा।
पश्चिमी देशों में कामयाब रही यह तकनीकि
आतंकियों के खिलाफ इस तरह के रडार का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में और इजरायल में काफी कामयाब रहा है। इसी के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने सुरक्षा बलों के इस रडार के इस्तेमाल का निर्देश दिया। पाकिस्तान के साथ एलओसी पर इस रडार के सहारे एक ऐसी अभेद्य दीवार खड़ी की जा रही है जिसको लांघ कर आतंकी घाटी में किसी वारदात को अंजाम देने से पहले सुरक्षा बलों के निशाने पर आ जाएं। इस रडार को इजरायल से खरीदा जा रहा है। इसके लिए हिंदुस्तान की सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम अगस्त केआखिरी सप्ताह में इजरायल जा रहा है।
LOC पर दीवार ऐसे देगी काम को अंजाम
  1. रडार को अलग-अलग लोकेशन पर फिट किया जाएगा।
  2. रडार को एक सेन्ट्रल मॉनिटिरीग कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
  3. रडार किसी भी मूवमेंट को पकड़ने के साथ ही उस जगह की इमेज और वीडियो बना कर सीधा कंट्रोल रूम तक पहुंचाएगा।
  4. इस तकनीक के सहारे आतंकियों की लोकेशन और संख्या के साथ साथ उनके पास मौजूद हथियार और गोला बारूद की जानकारी भी कंट्रोल रूम को देगा।
  5. बुरहान कांड से आई तेजी
  6. आतंकी बुरहान के एनकाउंटर के बाद घाटी में बदले हालात को देखते हुए इस रडार की खरीद में तेजी लाई गई है। पूर्व गृहसचिव मधुकर गुप्ता के नेतृत्व में एक कमेटी ने भी एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर इलेक्ट्रानिक सर्विलांस बढ़ाने की सिफारिश की थी। इन रडार की खरीद इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस तकनीक में महारथ हासिल करने के लिए सुरक्षा बलों की एक टीम इजरायल में ट्रैनिंग लेने के लिए जल्दी ही रवाना होगी।
  7. डोभाल लगे हैं पीछे
  8. घने जंगलों का सहारा लेकर सुरक्षा बलों को गच्चा दे रहे आतंकियों को अब तीसरी आंख के सहारे माकूल जवाब देने की तैयारी हो चुकी है। एनएसए अजीत डोभाल खुद इस प्रोजेक्ट को जल्दी से जल्दी पूरा करने पर जोर दे रहे है। एनएएसए की ये कोशिश आतंक के आका हाफिज सईद के आतंकियों को जल्दी से जल्दी उनके अंजाम तक पहुंचाने की है।

हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |

Monday, August 15, 2016

77 करोड़ LED बांटकर देश के 1250000000000 रुपये बचाएंगे मोदी

77 करोड़ LED बांटकर देश के 1250000000000 रुपये बचाएंगे मोदी






नई दिल्ली: 15 अगस्त: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लाल किले से भाषण देते हुए सरकार की संस्कृति से देश वासियों का परिचय कराया, उन्होंने कहा कि हमने काम तो बहुत किये हैं जिन्हें अगर मै बताऊंगा तो एक हप्ते का समय लगेगा इसलिए आज मै आपको हमारी सरकार की कार्य संस्कृति के बारे में बताऊंगा।
 modi-on-muftkhor
मोदी ने कहा कि आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या बिजली का ना होना और बिजली होने के बाद उसका मंहगा होना है, बिजली के लिए सरकार को बड़े बड़े संयंत्र लगाने पड़ते हैं, बड़े बड़े प्लांट लगाने पड़ते हैं जिसकी वजह से सरकार के हजारों करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं उसके बावजूद भी बिजली मंहगी मिलती है।मोदी ने कहा कि हमारे देश में बिजली की कमी नहीं है, बिजली है लेकिन हम उसका बचत नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से सरकार को भी अधिक बिजली बनानी पड़ती है और ग्राहकों को भी मंहगे दामों में बिजली मिलती है।
मोदी ने कहा कि अगर हम चाहें तो बिजली के अधिक कारखाने बनाकर बिजली पैदा कर दें लेकिन हमारी सरकार का लक्ष्य बिजली बचाना है ताकि ग्राहकों के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध होने के साथ साथ सरकारी खजाने से पैसे की बचत भी की जा सके।
मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य पूरे देश में करीब 77 करोड़ LED बल्ब वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, अब तक हमने 13 करोड़ LED बल्ब वितरित कर दिए हैं जिसकी वजह से सरकारी खजाने के करीब 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है और ग्राहकों के भी बिल कम आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि अगर हमने 77 करोड़ LED बल्ब बाँट दिए तो उससे हर साल करीब सवा लाख करोड़ रुपये (1250000000000) की बचत होगी और ग्राहकों की भी महाबचत होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 350 रुपये के एलईडी बल्ब की कीमत घटाकर 50 रुपये की, यह सब टेक्नोलॉजी और हमारी नीतियों के कारण मुमकिन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने LED की कीमत सस्ती कराई लेकिन हमारी सरकार की वाहवाही नहीं हुई, अगर हम LED बल्ब 350 रुपये में बेचते और ग्राहकों की जेब में सरकारी खजाने से 300 रुपये डाल देते तो हमारी सरकार की वाहवाही हो जाती।
मोदी ने कहा कि हम आप सभी से एलईडी बल्बों का इस्तेमाल करने, ऊर्जा की बचत करने और अपने देश की मदद करने का आग्रह करता हूं।”
मोदी ने संबोधन में कहा कि उन्होंने जब 2014 में सत्ता संभाली थी, तो 18,000 से अधिक गांवों में बिजली नहीं थी।
उन्होंने कहा, “जब हम सत्ता में आए तो हमने यह फैसला किया कि इन गांवों तक एक हजार दिनों के भीतर बिजली पहुंचनी चाहिए। अभी तक आधा ही समय गुजरा है और 10,000 गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है।”




हिदी समाचार- से जुड़े अन्य अपडेट लगातार प्राप्त करने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं |