मोदी सिर्फ बलूचिस्तान के जरिए बरबाद कर देंगे चीन और पाकिस्तान को, जानिए कैसे ?
मोदी के बलूचिस्तान नारे से ना सिर्फ पाकिस्तान तिलमिलाया है बल्कि चीन भी बौरा गया है। मोदी ने बलूचिस्तान की आजादी को हवा देकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं।
New Delhi Aug 20 : पहले एक नारा चलता था हिंदी-चीनी भाई-भाई। हिंदुस्तान ने कभी भी चीन को ये एहसास नहीं होने दिया कि हम उसके भाई नहीं हैं। लेकिन, इसके उलट चीन हमेशा से देश के खिलाफ खुराफात करता रहा है। वो हमेशा इस कोशिश में रहा है कि किसी भी सूरत में भारत चीन से ज्यादा ताकतवर ना बन पाए। लेकिन, अब सरकार बदलने के साथ-साथ हालात भी बदल गए हैं। चीन का पाला इस बार देश के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पड़ा है। लाइक करें हमारा फेसबुक पेजमोदी के बलूचिस्तान नारे से ना सिर्फ पाकिस्तान तिलमिलाया घूम रहा है बल्कि चीन भी बौरा गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान की आजादी को हवा देकर एक तीर से दो निशाने साध दिए हैं। मोदी के इस कदम से पाकिस्तान और चीन दोनों ही सकते में हैं। पिछले कुछ सालों से बलूचिस्तान के गिलगिट और बाल्टिस्तान में चीन की पैठ बढ़ती जा रही है। चीन इस इलाके को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहता है। ताकि वो भारत पर दवाब बना सके।
दरअसल, पूरा मामला समझने से पहले बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति को समझ लीजिए। बलूचिस्तान का एक हिस्सा अफगानिस्तान बार्डर से टच करता है। तो दूसरा हिस्सा ईरान से। जबकि तीसरा हिस्सा सीधे अरब सागर में खुलता है। चीन चाहता है कि वो पाकिस्तान की इस जमीन का इस्तेमाल कर के चीन से सीधे अरब सागर तक अपनी सार्टकट पहुंच बना ले। जो व्यापारिक और सामरिक दृष्टि से चीन के लिए बहुत महत्पूर्ण और भारत के उतना ही खतरनाक है।
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