बीते सप्ताह में 192 गाँवों में पहुंची बिजली, रफ्तार पकड़ रही है मोदी सरकार की योजना
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत अब तक 9326 गाँवों में बिजली पहुंचा दी गयी है |
लाइक करें हमारा फेसबुक पेजयोजना के तहत इस हफ्ते 25.31 जुलाई के बीच 192 गांवों का विद्युतीकरण किया गया है जिसमे असम के 10, बिहार के 2, झारखंड के 24, मध्यप्रदेश के 2, मेघालय के 123, नागालैंड के 3, ओड़िसा के 15, राजस्थान के 7, उत्तरप्रदेश के 5, उत्तराखंड का 1 गाँव शामिल है | वहीं इससे पिछले हफ्ता 174 गांवों का विधुतीकरण किया गया था |
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र को दिए संबोधन पर 1000 दिन में गाँवो में बिजली पहुँचाने की बात कही थी | जिसके कुछ दिनों बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता में इस योजना को मंजूरी दे दी गयी | सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी 01 मई 2018 तक शेष 18452 गैरविद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण करने का फैसला किया है | अब तक 9326 गांवों का विद्युतीकृत किया जा चुका है | शेष 9126 गांवों में से 501 गांवों में कोई बसावट नहीं हैं | 5694 गांवों तक ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है, भौगोलिक बाधाओं के कारण 2638 गांवों तक ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है तथा 293 गांवों का स्वयं राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा |
देशभर के राज्यों के 9326 गांवों में अरुणाचल प्रदेश 325, असम 1627, बिहार 1899, छत्तीसगढ़ 447, हिमाचल प्रदेश के 11, जम्मू कश्मीर 127, झारखंड 1053, कर्नाटक 2, मध्यप्रदेश 304, मणिपुर 88, मेघालय 415, मिजोरम 23, नागालैंड 3, ओड़िसा 1441, राजस्थान 269, त्रिपुरा 10, उत्तरप्रदेश 1373, उत्तराखंड 1, पश्चिम बंगाल 8 गाँव शामिल हैं |
इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है और विद्युतीकरण की रणनीति में कार्यान्वयन की अवधि 12 महीनों में सीमित करना तथा गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया को निगरानी के लिए निश्चित समयावधि सहित 12 स्तरों में विभाजित किया गया है |
अप्रैल, 2015 से 14 अगस्त 2015 तक 1654 गांवों का विद्युतिकरण किया गया और सरकार द्वारा मिशन मोड में पहल किए जाने के बाद 15 अगस्त 2015 से 31 जुलाई 2016 तक 7672 अतिरिक्त गांवों का विद्युतिकरण किया गया है |
इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी नजर रखी जा रही है और नियमित अंतराल पर कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं | जैसे आरपीएम बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और उन गांवों की सूची को भी राज्य की बिजली कंपनियों से साझा किया जा है जहां विद्युतीकरण की प्रकिया जारी है | साथ ही ऐसे गांवों की भी पहचान की जा रही है जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया देरी से चल रही है। |
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