Tuesday, March 1, 2016

ये जो मोदी विरोध का नशा है ना...बड़ा जहरीला होता है...!

हुजूर-ए-आला ये जो मोदी विरोध का नशा है ना...बड़ा जहरीला होता है जी...प्यार, मोहब्बत,भाईचारे,अमन की बाते करने वाले तथाकथित ह्यूमनवादी कब इस जहर की चपेट में आकर इस समाज के लिये जहरीले नाग बने जा रहे हैं इन्हें खुद नहीं समझ आ रहा।
देशद्रोही और देशभक्ति के सर्टिफिकेट पर रं रो करने वालों की दोगलईती देखो साहेब....सिर्फ भाजपा को सपोर्ट करने भर से ही ये खुद एक सेकंड में लोगों को संघी का सर्टिफिकेट बांटने से नहीं चूकते।
इस फॉर्मूले से तो 2014 लोस चुनावों में भाजपा को वोट देकर भारी बहुमत से उसकी सरकार बनाने वाली देश की आधी जनता इनके लिये संघी हो गई...और संघियों से इनकी नफरत जगजाहिर है.. फिर देश की आधी जनता मतलब संघियों से नफरत करने वाले खुद किस मुंह से भाईचारे की बात करतें हैं?
श्री श्री रविशंकर जी वर्तमान में भारत के सिंगल ऐसे आध्यात्मिक गुरु हैं जिनकी मैं दिल से इज्जत करता हूँ...ये हमेशा प्यार मुहब्बत भाईचारे की बात करतें हैं...इन्होंने आज तक कभी नफरत फैलाने वाला कोई विवादित बयान नहीं दिया....ना ही ये कभी किसी भी बात के लिये विवादों में ही आये...लेकिन सिर्फ मोदीजी को सपोर्ट करना इतना बड़ा गुनाह हो गया की एक टुच्ची सी वजह से खुद को मानवतावादी कहने वाले दोगले इनके चरित्रहनन पूरे जी जान से जुट गये।
हम पर असहिष्णु,अंधभक्त का आरोप लगाने से पहले इन्हें खुद के गिरेबान में झाँककर देखना चाहिये की सिर्फ विपरीत विचारधारा होने की वजह से दिन भर भक्त,अंधभक्त, संघी का सर्टिफिकेट बाँटा करते हैं......खुद विपरीत विचारधारा को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं और हमको असहिष्णु बोलते हैं...गजब की कुत्तई है यार।
अभी तक जिस कन्हैया को खुद का बाप बनाये घूम रहे थे उसी बाप ने सेना को बलात्कारी बोल दिया...अब बाप की बात से लौंडा तो सहमत होगा ही...है की नही?
मतलब अब तुम उसी सेना को बलात्कारी कहो जिसकी वजह से सुरक्षित घर में बैठे बुद्धिजीवीयापा छांट रहे हो फिर इसी बात पर हम तुमको देशद्रोही कह दे तो हम असहिष्णु, अंधभक्त संघी हो गये?
अभी वो एक जो फरार हो गया विजय माल्या...कॉंग्रेस के राज में 9000 करोड़ का लोन लिया...कोई पुछत्तर नहीं था...अभी भाजपा की सरकार बनते ही पूछताछ हुई...खुद को फंसता देख देश छोड़कर फरार हो गया....अब इसके लिये भी इल्जाम मोदी पर?
माने कॉंग्रेस होती तो 9000 करोड़ का लोन और दे देती....किसी को कानोकान खबर ना लगती...मिडीया में कोई बवाल ना होता....सब कुछ वैसे ही चलता रहता तब तो बढ़िया था लेकिन मोदी ने उसकी पूँछ पर लात रख दी तो मोदी बुरे हो गये? मतलब अब सच्चाई सामने लाना भी गुनाह हो गया?
अभी वो भागा नहीं की बगैर किसी सुबूत के सरकार पर उसको भगाने का इल्जाम लगा दिया...अबे कुछ दिन इन्तजार तो कर लेते...अगर कोई कार्यवाही ना होती तो हम भी तुमसे सहमत होते...पर तुम तो मोदी विरोध में इतने अंधे हो चुके हो की बिना सोचे समझे तुरन्त आरोप फेंकने को तैयार रहते हो...अबे कुछ तो सबर चाटो...
दिल में भरे मोदी से नफरत का जहर निकाल नहीं पा रहे और हमे भाईचारे का ज्ञान बाँटते हैं।
खुद नफरत का बीज बोकर हम पर जहर की खेती का आरोप लगाते हैं...भाई ताली एक हाँथ से नहीं बजती.....दूसरों से जैसे व्यवहार की अपेक्षा करते हो पहले खुद वैसा व्यवहार करना सीखो...
सबको पता है सांप को चाहे कितना भी दूध पिलाओ लेकिन साला वो काटेगा जरूर.....जाओ पहले खुद के जहर भरे दांत तोड़कर आओ फिर अगले से दूध पिलाने की उम्मीद करना।

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