अमित शाह और मोदी को फँसाने के लिए चिदंबरम ने काँग्रेस आलाकमान के कहने पर इशरत जहाँ को आतंकी होने के तमगे से बरी करने संबंधी खुलासों के बाद जो घमासान देखने को मिल रहा है उससे पता चलता है कि बेशर्मी राजनेताओं के घर की लौंडी है।ये लोग तो बेशर्मी के माईबाप लोग हैं।
अगर वो लड़की आतंकवादी थी और चिदंबरम ने उसे मासूम साबित करने की क़ोशिश की तब तो मोदी से राजनीतिक दुश्मनी निभाने के लिए देश के दुश्मनों को पाक़साफ़ बताने का चिदंबरम ने जो घृणित अपराध किया है;उसको (देशभक्त जनता)कभी क्षमा नहीं कर सकती है।
हालांकि जिन अधिकारियों ने खुलासा किया है उस पर विश्वास न करने का सवाल ही नहीं है।
साथ ही टेलीविजन बहस में कांग्रेस के प्रवक्ताओं का बार बार इशरत के इनकाउन्टर को फर्जी बताने पर ज़ोर रहा।वो अधिकारियों को फर्जी नहीं कह पाए और न ही चिदंबरम को बचाने में कोई रुचि दिखाई।इससे स्पष्ट है कि चिदंबरम का दोष वो परोक्ष रूप से क़ुबूल कर रहे हैं।लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इशरत इनकाउन्टर फर्जी साबित हो जाए तो अमित शाह की काली और मोदी की सफ़ेद दाढ़ी को फाँसी दे सकें।
जबकि फ़ेक इनकाउन्टर होने की दशा में भी जनता को कुछ ग़लत नहीं लगेगा;क्योंकि वो आतंकी थी।
अतएव काँग्रेस अपनी क़ब्र खोद खोदकर इतना गहरा कर देना चाहती है कि क़ानून के लम्बे हाथ भी उस तक ना पहुँच सकें।कोई इन लोगों को बताओ कि मरने के बाद लाश के ऊपर कोई डण्डा नहीं चलाया जाता।
आइए शोरोगुल गांधी जी के भाषण को सुनकर कपिल शर्मा की रेटिंग कम कर दें ताकि इन अभिनेताओं को पता चले कि नेताओं में भी कुछ कम नहीं हैं।
नेताओं में नायक भी है;खलनायक भी हैं और विदूषक भी।
अगर वो लड़की आतंकवादी थी और चिदंबरम ने उसे मासूम साबित करने की क़ोशिश की तब तो मोदी से राजनीतिक दुश्मनी निभाने के लिए देश के दुश्मनों को पाक़साफ़ बताने का चिदंबरम ने जो घृणित अपराध किया है;उसको (देशभक्त जनता)कभी क्षमा नहीं कर सकती है।
हालांकि जिन अधिकारियों ने खुलासा किया है उस पर विश्वास न करने का सवाल ही नहीं है।
साथ ही टेलीविजन बहस में कांग्रेस के प्रवक्ताओं का बार बार इशरत के इनकाउन्टर को फर्जी बताने पर ज़ोर रहा।वो अधिकारियों को फर्जी नहीं कह पाए और न ही चिदंबरम को बचाने में कोई रुचि दिखाई।इससे स्पष्ट है कि चिदंबरम का दोष वो परोक्ष रूप से क़ुबूल कर रहे हैं।लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इशरत इनकाउन्टर फर्जी साबित हो जाए तो अमित शाह की काली और मोदी की सफ़ेद दाढ़ी को फाँसी दे सकें।
जबकि फ़ेक इनकाउन्टर होने की दशा में भी जनता को कुछ ग़लत नहीं लगेगा;क्योंकि वो आतंकी थी।
अतएव काँग्रेस अपनी क़ब्र खोद खोदकर इतना गहरा कर देना चाहती है कि क़ानून के लम्बे हाथ भी उस तक ना पहुँच सकें।कोई इन लोगों को बताओ कि मरने के बाद लाश के ऊपर कोई डण्डा नहीं चलाया जाता।
आइए शोरोगुल गांधी जी के भाषण को सुनकर कपिल शर्मा की रेटिंग कम कर दें ताकि इन अभिनेताओं को पता चले कि नेताओं में भी कुछ कम नहीं हैं।
नेताओं में नायक भी है;खलनायक भी हैं और विदूषक भी।
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