मोदी के US दौरे पर मिली भारत को बड़ी कामयाबी, आपको जानकर गर्व होगा
वॉशिंगटन: पीएम मोदी के चौथे अमेरिकी दौरे पर भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। 34 देशों वाले 'मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम' में भारत की एंट्री हो चुकी है। बता दें कि पांच देशों की विजिट के दौरान मोदी इस वक्त वॉशिंगटन में हैं। मंगलवार को उन्होंने यूएस प्रेसिडेंट बराक ओबामा से मुलाकात की।
इस मामले से जुड़े डिप्लोमेट्स ने बताया कि 34 देशों वाले ग्रुप में भारत की मेंबरशिप पर विरोध जताने की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। किसी मेंबर ने इस पर विरोध नहीं जताया। इसके चलते भारत दूसरे देशों को अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी दे सकेगा और अमेरिका से प्रिडेटर ड्रोन्स खरीद सकेगा। बता दें कि इसी प्रिडेटर ड्रोन्स मिसाइल टेक्नोलॉजी ने अफगानिस्तान में तालिबान के ठिकानों को तबाह किया था। भारत ने पिछले साल MTCR की मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कुछ देशों ने इसका विरोध किया था।
भारत को दुनिया की बेहतरीन टेक्नोलॉजी हासिल करने के लिए एक्सेस मिल जाएगा। भारत का मकसद MTCR की सितंबर-अक्टूबर में होने वाली प्लेनरी में मेंबरशिप हासिल करना है। MTCR के चेयरमैन रोनाल्ड वीज अगले महीने भारत के दौरे पर भी आ सकते हैं। पिछले कुछ सालों में कई देशों ने भारत के MTCR में आने का सपोर्ट किया है। भारत का दावा इसलिए भी मजबूत कहा जा रहा है, क्योंकि उसने कभी भी अपने मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम में MTCR गाइडलाइन के अलग जाकर काम नहीं किया।
MTCR मुख्य रूप से 500 kg पेलोड ले जाने वाली और 300 किमी तक मार करने वाली मिसाइल और अनमैन्ड एरियल व्हीकल टेक्नोलॉजी (ड्रोन) के खरीदे-बेचे जाने पर कंट्रोल रखता है।
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